कोल मुख्यालय के घेराव के बाद अधिकारियों ने की वार्ता, किसान सभा ने दी आर्थिक नाकाबंदी करने की चेतावनी, 11 सितम्बर को कोयले का परिवहन रोकेंगे भू-विस्थापित

बिलासपुर। कोरबा जिले में रोजगार और पुनर्वास से जुड़ी मांगों के लिए जारी भूविस्थापितों के आंदोलन की आंच अब एसईसीएल के बिलासपुर मुख्यालय तक पहुंच चुकी है। आज छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के प्रतिनिधि अपनी समस्याओं से सीएमडी को अवगत कराने बिलासपुर पहुंचे, जहां एसईसीएल के सुरक्षाकर्मियों द्वारा उन्हें अधिकारियों से मिलने से रोकने पर स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई। सुरक्षा कर्मियों के साथ काफी नोकझोंक के बाद भू-विस्थापितों ने सीएमडी मुख्यालय के मुख्य द्वार को बंद कर दिया और वही धरने पर बैठ गए तथा विरोध प्रदर्शन करते हुए जमीन के बदले रोजगार, किसानों को जमीन की वापसी, बसावट एवं अन्य मांगों को लेकर नारेबाजी करने लगे। एक घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद प्रबंधन प्रतिनिधिमंडल से मिलने को राजी हुआ।

इस वार्ता में कोल प्रबंधन की ओर से पी एंड आई आर महाप्रबंधक अनूप कुमार संतोषी, एल एंड आर महाप्रबंधक शरद तिवारी तथा अन्य अधिकारी शामिल हुए, वहीं माकपा के कोरबा जिला सचिव प्रशांत झा के साथ किसान सभा नेता जवाहर सिंह कंवर,जय कौशिक व रोजगार एकता संघ से रेशम यादव, दामोदर श्याम, बसंत चौहान, पवन यादव शिवदयाल कंवर और बृजमोहन शामिल हुए। उन्होंने एसईसीएल के कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, कोरबा सहित सभी क्षेत्रों के भू-विस्थापितों के लंबित रोजगार, जमीन वापसी, पट्टा, बसावट एवं प्रभावित गांवों की मूलभुत समस्याओं की ओर अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराते हुए सीएमडी द्वारा पिछली बैठक में दिए गए आश्वासन पर क्षेत्रीय महाप्रबंधकों द्वारा सकारात्मक कार्यवाही नहीं करने का आरोप लगाया और भू विस्थापितों की समस्याओं का जल्द निराकरण करने की मांग की। उन्होंने सीएमडी के नाम 11 सूत्रीय मांगपत्र भी प्रबंधन को सौंपा। प्रबंधन ने सभी समस्याओं का जल्द निराकरण और अर्जन के बाद जन्म वाले रोजगार प्रकरणों को जल्द ही बोर्ड में रखने का आश्वासन दिया। किसान सभा प्रतिनिधिमंडल ने आश्वासन की जगह धरातल पर कार्य दिखाने पर जोर दिया तथा यह स्पष्ट किया कि भू-विस्थापितों की जायज मांगें पूर्ण होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। इसी सिलसिले मरण उन्होंने 11 सितंबर को आर्थिक नाकेबंदी करने तथा सड़क व रेल मार्ग से कोयला परिवहन रोकने चक्काजाम आंदोलन की चेतावनी भी है।

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