मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विकास के रोड मैप की चर्चा की
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश के प्रत्येक संभाग में उद्योग कॉन्क्लेव की गई हैं। बड़ी संख्या में प्रदेश में निवेश आ रहा है। आज ही नर्मदापुरम में हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में 31 हजार 800 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मिले हैं। सिर्फ इंग्लैंड से आए एक निवेशक ने उत्साह पूर्वक पांच सौ करोड़ रुपए के निवेश की मंशा व्यक्त की है। प्रदेश में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना प्रमुख लक्ष्य है। इसके साथ ही प्रदेश की युवा शक्ति का उपयोग करना है। प्रदेश में सभी सेक्टर्स में रोजगार उपलब्ध करवाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क को भारत सरकार ने स्वर्ण पदक प्रदान किया। प्रदेश में संभाग स्तर पर हुई कॉन्क्लेव सम्पूर्ण प्रदेश के विकास का कार्य कर रही हैं। निवेश वृद्धि से रोजगार के अवसर बढ़ाकर युवाओं, महिलाओं , किसानों का जीवन बदलने का कार्य हमारी प्राथमिकता है और इसमेंस अच्छी सफलता भी मिल रही है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव एक टीवी चैनल के एमपी माइंड समिट को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने चैनल को दिए गए साक्षात्कार में मध्यप्रदेश के विकास के रोड मैप के संबंध में विस्तार से जानकारियां दीं।
सिंहस्थ का आयोजन स्मरणीय बनेगा
सिंहस्थ-2028 के आयोजन को विश्व स्तरीय बनाया जाएगा। वास्तव में यह वैश्विक आयोजन है। लगभग 60 वर्ष बाद ऐसा होगा जब पूरी तरह क्षिप्रा जल से श्रद्धालुओं द्वारा स्नान का पुण्य प्राप्त किया जाएगा। क्षिप्रा पूरी तरह गंदगी से मुक्त बने और प्रवाहित निर्मल जल सिंहस्थ के लिए उपलब्ध हो इस दृष्टि से योजना क्रियान्वित की जा रही है। सिंहस्थ: 2028 का आयोजन स्मरणीय बनेगा। मध्यप्रदेश को यह सौभाग्य प्राप्त है कि यहां नर्मदा (रेवा) और सोन नदियों का भी उदगम है। कई पवित्र नदियों का मायका मध्यप्रदेश है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन में साधु-संतों को स्थाई आश्रम और धर्मशाला आदि के निर्माण के लिए स्वीकृति दी गई है। उज्जैन उत्कर्ष की नगरी है। सिंहस्थ-2028 के लिए क्षिप्रा नदी में निर्मल जल प्रवाह सुनिश्चित किया जा रहा है। घाटों के विकास और अधोसंरचना से जुड़े कार्यों को पूर्ण किया जा रहा है। वर्ष-2022 में महाकाल लोक के उद्घाटन के बाद अब प्रतिवर्ष सिंहस्थ में आने वाले श्रद्धालुओं की तरह बड़ी संख्या में नागरिकों का आना हो रहा है।
मध्यप्रदेश के विकास का रोडमैप कुछ ऐसा है
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश आने वाले समय में वह सभी उपलब्धियां हासिल करेगा, जो राज्य को देश में प्रथम स्थिति में ला सकती हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हमारा राष्ट्र प्रगति के नए आयाम रच रहा है। स्वामी विवेकानंद की वह भविष्यवाणी साकार होती दिख रही है कि अगली सदी भारत की होगी। गत एक वर्ष के कार्यों की प्रमुख उपलब्धियों के सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में वन,जल,खनिज,जन सम्पदा और बौद्धिक सम्पदा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सिंचाई सुविधाओं के विस्तार और उल्लेखनीय कृषि उत्पादन के बाद अब आवश्यकता किसानों की दशा को पूरी तरह बदलने की है। इसके लिए कृषि आधारित उद्योगों की श्रंखला प्रारंभ होगी। अधोसंरचना मजबूत करने का कार्य किया जा रहा है। मेट्रो सिटी की कल्पना साकार की गई है। बड़े नगरों और जिला मुख्यालयों में गीता भवन शुरू होंगे।
हमारे लक्ष्य स्पष्ट हैं, हमारा मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य होगा
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरकार बनते ही तय किया था कि कोई जनहितैषी योजना बंद नहीं होगी। प्रदेश का बजट आने वाले चार वर्ष में दोगुना होगा। युवाओं को नौकरी मांगने नहीं नौकरी देने वाला बनाएंगे। किसानों, महिलाओं को भी योजनाओं के लाभ देकर निर्धनता की परिधि से बाहर निकालेंगे। प्रदेश के गौरवशाली अतीत के अनुरूप विरासत और विकास के कार्य साथ-साथ होंगे। मध्यप्रदेश अग्रणी राज्य होगा। इसके लिए पूर्ण प्रयत्न किए जाएंगे
विकास के लिए 4 वर्ग प्राथमिक हैं, 54 विभाग इसके लिए कार्य कर रहे
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने युवा, महिला, किसान और गरीब का जीवन बदलने का संकल्प लिया है। मध्यप्रदेश में इन 4 वर्गों के उत्थान के लिए 54 विभाग कार्य कर रहे हैं। इन वर्गों का विकास सभी विभागों पर अवलंबित है। रोजगार परक गतिविधियां प्रदेश के मानव संसाधन के अधार पर बढ़ाई जा रही हैं।
सिंचाई सुविधाओं के विस्तार से बदला दृश्य
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नर्मदा घाटी से जहां वर्ष 1977 से वर्ष 2003-04 तक अपेक्षित लाभ नहीं लिया जा सका, वहीं प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में सरदार सरोवर बांध के माध्यम से खुशहाली लाने की पहल की। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों में सुश्री उमा भारती, श्री बाबूलाल गौर और श्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के विकास के अथक प्रयास किए। आज सिंचाई साधनों के विस्तार से दृश्य बदला है। निमाड़ और मालवा हरा-भरा और अधिक उत्पादन वाला क्षेत्र बना है। केन-बेतवा और पार्वती- कालीसिंध-चंबल नदी जोड़ो परियोजनाओं से मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड,महाकौशल, चंबल और मालवा अंचल के अनेक जिलों में व्यापक सुखद परिवर्तन आएंगे। इन परियोजनाओं का लाभ सिंचाई और पेयजल के लिए मिलेगा। खुशहाली की नई तस्वीर सामने आएगी।
चिकित्सा और शिक्षा जगत में तीव्र प्रगति
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश में 20 साल पहले तक सिर्फ 5 मेडिकल कॉलेज थे। इनका विस्तार किया गया है। पीपीपी मॉडल के माध्यम से नए-नए चिकित्सा महाविद्यालय खुल रहे हैं, जिनकी संख्या 50 तक हो जाएगी। प्रदेश के नागरिकों को बेहतर उपचार सुविधा दिलवाई जा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भी मध्यप्रदेश ने नवाचार किए हैं। प्रदेश के 55 जिलों में एक्सीलेंस कॉलेज हैं। नए पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने ग्वालियर और जबलपुर के साथ ही छत्तीसगढ़ के रायपुर से इस कार्यक्रम में आए प्रतिनिधियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए। प्रारंभ में चैनल के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का स्वागत किया।
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