जुलाई में 42% डी.ए.लेकर रिटायर होनेवाला कर्मचारी अगस्त में पेंशनर बनकर 38% डी.आर.प्राप्त कर तकनीकी समस्या का सामना करेगा
छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव ने कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक रायपुर को सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी मांगो से अवगत कराते हुए जिला प्रशासन से मंत्रालय के सामने प्रदर्शन की अनुमति देने का आग्रह किया है.
छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के आव्हान पर मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 को विलोपित करने तथा एरियर सहित केन्द्र के समान महंगाई राहत की मांग को लेकर आगामी गुरुवार 10 अगस्त 23 को अटल नगर नवा रायपुर मंत्रालय के 4 नम्बर गेट के सामने जंगी प्रदर्शन करेंगे. मंत्रालय के समक्ष होने वाले इस प्रदर्शन को सफल बनाने फेडरेशन से जुड़े पेंशनर एसोशियेशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष यशवन्त देवान, छत्तीसगढ़ प्रगतिशील पेंशनर कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष आर पी शर्मा, छत्तीसगढ़ पेंशनधारी कल्याण संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ डी पी मनहर, भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के अध्यक्ष जे पी मिश्रा तथा पेंशनर्स समाज के अध्यक्ष ओ पी भट्ट लगातार प्रवास, सोशल मीडिया के माध्यम से तैयारी में जुटे हुए हैं. उक्त जनकारी जारी विज्ञप्ति में
छ छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेंद्र नामदेव ने दी है.
जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि महंगाई भत्ता और महंगाई राहत देने में छ छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार लगातार 4 वर्षो से भेद भाव कर रही है. केन्द्र के समान महंगाई भत्ता और महंगाई राहत के मामले में राज्य के कोष से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों- पेंशनर्स को केन्द्र के देय तिथि से एरियर सहित पुरा 42% प्रतिशत और राज्य सेवा के अधिकारियों-कर्मचारियों को केन्द्र के समान कुल 42% महंगाई भत्ता की पूर्ति में इसी महीने जारी 5% प्रतिशत जुलाई 22 से व 4% प्रतिशत जनवरी 23 के महंगाई भत्ता के किस्त स्वीकृत करने में केन्द्र द्वारा देय तिथि से नहीं देकर एरियर राशि से वन्चित कर दोनों किस्त एक साथ जुलाई 23 से देने का आदेश जारी कर भारी आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है. जबकि राज्य के पेंशनरों को के साथ घोर अन्याय किया जा रहा है कर्मचारियों को 42% प्रतिशत दे रहें हँ और पेंशनर को 38% किस हिसाब से दे रहें हँ समझ से परे हैं. हद तो तब होगा जब जुलाई में रिटायर होने वाला कर्मचारी 42% महंगाई भत्ता लेकर रिटायर होगा और उसके बाद पेंशनर का किस्त दर 38% प्रतिशत में तकनीकी समस्या का सामना करेगा.
पेंशनर्स को महंगाई राहत देने में मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) को 22 वर्षो से पेंशनर की गले हड्डी बना कर रखें हँ, दोनों सरकार जंबूझकर आपसी सहमति के नाम पर पेंशनरों को आर्थिक हानि पहुँचा रहे हैं. दोनों जगह अलग अलग राजनैतिक दलों सरकार होने का खामियाजा पेंशनर्स भुगत रहे हैं. जबकि छत्तीसगढ़ के साथ ही बने दो अन्य राज्य उतराखण्ड और झारखंड में यह समस्या पेंशनरों के मामले में क्यो नहीं है यह जानने का प्रयास छत्तीसगढ़ सरकार नहीं कर पेंशनर्स लगातार परेशान कर रही है.
जारी विज्ञप्ति में पेंशनर फेडरेशन और फेडरेशन से जुड़े पेंशनर संघो ने छत्तीसगढ़ सरकार से पेंशनर्स की मांग पूर्ति कर भेदभाव बन्द करने की मांग की है.