कुरूद क्षेत्र में भाठागांव की तर्ज पर नया मिल्क चिलिंग प्लांट खोलने की योजना

कलेक्टर ने किया चिलिंग प्लांट का अवलोकन, प्रस्ताव-प्राक्कलन बनाने के निर्देश

धमतरी । धमतरी जिले में दुग्ध उत्पादक पशुपालकों के हितों को ध्यान में रखते हुए डेयरी व्यवसाय और मिल्क रूट स्थापना के प्रयास तेज किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की विधानसभा मे की गई घोषणा पर अमल करते हुए कुरूद क्षेत्र में जल्द ही नया मिल्क चिलिंग प्लांट स्थापित किया जाएगा। कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने आज इसके लिए तेजी से कार्ययोजना बनाने के निर्देश पशुपालन विभाग के अधिकारियों को दिए। श्री मिश्रा ने आज भाठागांव में पहले से ही संचालित देवभोग के दुग्ध शीत केन्द्र का अवलोकन किया और दूध के शीतलीकरण की प्रक्रिया की जानकारी मौजूद अधिकारियों से ली। उल्लेखनीय है कि पूर्व मंत्री और कुरूद के वर्तमान विधायक श्री अजय चन्द्राकर की मांग पर विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री साय ने कुरूद में नया मिल्क चिलिंग प्लांट खोलने की घोषणा की है।

आज कलेक्टर ने भाठागांव के देवभोग चिलिंग प्लांट में दूध शीतलीकरण के लिए स्थापित की गई मशीनों का भी अवलोकन किया। उन्होंने देवभोग और पशुपालन विभाग के अधिकारियों से चिलिंग प्लांट तक दूध एकत्रित कर लाने की व्यवस्था की भी जानकारी ली। कलेक्टर ने चिलिंग प्लांट को संचालित करने के लिए जरूरी विद्युत की मांग, आधारभूत संरचनाओं आदि की भी जानकारी ली। उन्होंने नये चिलिंग प्लांट के लिए प्रस्ताव एवं प्राक्कलन तैयार कर जल्द से जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

भाठागांव चिलिंग प्लांट के बारे में अधिकारियों ने बताया कि जिले में ऐसे तीन केन्द्र सेमरा बी, मुजगहन और भाठागांव में स्थापित किए गए हैं। देवभोग को इन प्लांटों से प्रतिदिन लगभग सात हजार लीटर प्रति केन्द्र दूध की आपूर्ति की जाती है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि इन तीनों केन्द्रों में जिले के दो हजार एक सौ पंजीकृत दुग्ध उत्पादक पशुपालकों से दूध का कलेक्शन कर उसका शीतलीकरण किया जाता है। दूध इकट्ठा करने के लिए दुग्ध उत्पादक समितियां निर्मित की गईं हैं। गांव-गांव से दूध इकट्ठा कर चिलिंग प्लांटों में लाया जाता है। इन प्लांटों में दूध को शीतल कर खराब होने से बचाया जाता है और देवभोग के सुसज्जित एवं सुरक्षित टैंकरों के माध्यम से प्लांट में भेजा जाता है, जहां इस दूध की पैकेजिंग और अन्य उत्पाद जैसे घी, पनीर, दही, मठा, खोवा आदि बनाए जाते हैं।

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