रायपुर । आकान्क्षा इंस्टीट्यूट के छात्र मास्टर इबानन साहू का चयन विशेष ओलंपिक एशिया-पैसिफिक में बॉलिंग प्रतियोगिता के लिए हुआ है । यह विशेष खिलाड़ी नई दिल्ली के त्यागराज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 18 से 23 नवंबर तक होने वाली एशिया-पैसिफिक क्षेत्र से बौद्धिक विकलांग एथलीटों को प्रतियोगिता में भाग लेने नई दिल्ली के लिए रवाना हो गया है । इस खेल की मेजबानी इस साल भारत कर रहा है।
इबानन का चयन न केवल उनके लिए बल्कि आकान्क्षा इंस्टीट्यूट और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए एक गर्व की बात है। उन्होंने पहले ही बोलिंग प्रतियोगिता में राष्ट्रीय स्तर पर स्वर्ण और रजत पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन किया है। आकान्क्षा इंस्टीट्यूट, 30 वर्षों से बौद्धिक और अन्य विकलांग बच्चों की सेवा कर रहा है, और छत्तीसगढ़ में एक अग्रणी संस्थान के रूप में जाना जाता है। संस्थान का 52,000 वर्ग फुट का बाधा-मुक्त परिसर विशेष जरूरतों वाले बच्चों को शिक्षा, प्रशिक्षण और पुनर्वास प्रदान करता है।
पैरालंपिक और स्पेशल ओलंपिक के बीच के अंतर को समझना जरूरी है। स्पेशल ओलंपिक एशिया-प्रशांत
पेसिफिक खेलो से संबंधित है जबकि पैरालंपिक शारीरिक रूप से विकलांग एथलीटों पर केंद्रित है जो उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा करते हैं। प्रदर्शन के आधार पर चयन होता है।स्पेशल ओलंपिक बौद्धिक विकलांग एथलीटों की भागीदारी, व्यक्तिगत विकास और समावेश को प्राथमिकता देता है। इसमें कौशल का स्तर प्रवेश की बाधा नहीं बनता है। इबानन साहू की इस उपलब्धि पर उनके अभिभावक और शिक्षक उत्साहित है । आकान्क्षा संस्थान के समावेशी दृष्टिकोण ने उन्हें खेल में उत्कृष्टता हासिल करने और भारत का गौरव बढ़ाने का अवसर दिया है। यह युवा खिलाड़ी देश भर में दिव्यांग लोगों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो साबित करता है कि जुनून और समर्थन से सीमाओं को पार किया जा सकता है।
रायपुर में इबानन के सहपाठियों और अन्य नागरिकों ने उसके शानदार प्रदर्शन की कामना की है! साहू के परिजनों का कहना है की उन्हे उम्मीद है की इबानन साहू खेल की बारीकियों को समझेगा । इबानन की सफलता में उनके अभिभावकों और आकान्क्षा संस्थान के शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है उन्होंने विशेष जरूरत वाले बच्चों को सशक्त बनाने के किए निरंतर प्रयास किया और उन्हें सफलता भी मिली है।