Saturday, September 7

राम चरित मानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन ‘यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर’ में शामिल 

नई दिल्ली।राम चरित मानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को ‘यूनेस्को के मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर’ में शामिल किया गया है। यह समावेशन भारत के लिए एक गौरव का क्षण है, जिससे देश की समृद्ध साहित्यिक विरासत और सांस्कृतिक विरासत की पुष्टि होती है। यह वैश्विक सांस्कृतिक संरक्षण की दिशा में हो रहे प्रयासों में एक कदम आगे बढ़ने का प्रतीक है, जो हमारी साझा मानवता को आकार देने वाली विविध कथाओं और कलात्मक अभिव्यक्तियों को पहचानने और सुरक्षित रखने के महत्व पर प्रकाश डालता है। इन साहित्यिक उत्कृष्ट कृतियों का सम्मान करके, समाज न केवल उनके रचनाकारों की रचनात्मक प्रतिभा को श्रद्धांजलि देता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि उनका गहन ज्ञान और कालातीत शिक्षाएं भावी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहें और उनकी जानकारियां बढ़ाती रहें।

‘रामचरितमानस’, ‘पंचतंत्र’ और ‘सहृदयालोक-लोकन’ ऐसी कालजयी रचनाएं हैं जिन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति को गहराई से प्रभावित किया है, देश के नैतिक ताने-बाने और कलात्मक अभिव्यक्तियों को आकार दिया है। इन साहित्यिक कृतियों ने समय और स्थान से परे जाकर भारत के भीतर और बाहर दोनों जगह पाठकों और कलाकारों पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उल्लेखनीय है कि ‘सहृदयालोक-लोकन’, ‘पंचतंत्र’ और ‘रामचरितमानस’ की रचना क्रमशः पं. आचार्य आनंदवर्धन, विष्णु शर्मा और गोस्वामी तुलसीदास ने की थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *