Saturday, July 27

कक्षा पहली में प्रवेश हेतु उम्र 6 वर्ष निर्धारित करें : क्रिष्टोफर पॉल

दुर्ग। प्रायवेट स्कूलों एवं स्वामी आत्मानंद स्कूलों में छह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कक्षा पहली में प्रवेश दिया जा रहा है, जिसको लेकर छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन ने नाराजगी जताई और संचालक को पत्र लिखकर कक्षा पहली हेतु उम्र छह वर्ष निर्धारित करने की मांग की गई है।


पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल का कहना है कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों में 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कक्षा पहली में प्रवेश दिया जा रहा है, जो शिक्षा का अधिकार कानून का स्पष्ट उल्लंघन है, वैसी ही आरटीई के अंतर्गत प्रायवेट स्कूलों में कक्षा पहली के लिए 5 वर्ष के बच्चों को प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि शिक्षा का अधिकार कानून में कक्षा पहली के लिए उम्र 6 वर्ष निर्धारित है, तो नई शिक्षा नीति के अनुसार कक्षा पहली के लिए उम्र 6 वर्ष से कम नहीं होना चाहिए। केन्द्र सरकार ने दिनांक 15 फरवरी 2024 को पत्र लिखकर कक्षा पहली के लिए उम्र 6 वर्ष निर्धारित करने का निर्देश दिया है। छग राज्य बाल आयोग ने भी इस संबंध में डीपीआई को पत्र लिखा है, इसके बावजूद डीपीआई के द्वारा 6 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कक्षा पहली में प्रवेश दिया जा रहा है, जो शिक्षा का अधिकार कानून और नई शिक्षा निति का उल्लघंन है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *