रायपुर । उपभोक्ताओं को तस्करी और जालसाजी से बचाने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच जागरुकता का होना जरूरी है यह बात आज रायपुर में रतन लाल डांगी, डायरेक्टर, नेताजी सुभाष चंद्र बोस स्टेट पुलिस एकेडमी, छत्तीसगढ़ ने कही । उन्होंने कहा कि कानून प्रवर्तन की प्राथमिक इकाई के रूप में पुलिस कानूनों को लागू करने में मुख्य भूमिका निभाती है, और राष्ट्र निर्माण एवं आर्थिक विकास के लिए लगातार काम करती है।’ तस्कर और जालसाज न केवल हमारे देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहे हैं, बल्कि नागरिकों के स्वास्थ्य व सुरक्षा को भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहे हैं।
फिक्की की कमिटी अगेंस्ट स्मग्लिंग एंड काउंटरफीटिंग एक्टिविटीज़ डेस्ट्रॉयिंग द इकॉनॉमी (कास्केड) द्वारा आयोजित ‘कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम फॉर पुलिस ऑफिसर्स ऑन प्रिवेंशन ऑफ काउंटरफीटिंग एंड स्मग्लिंग’ में बोलते हुए डॉ. डांगी ने बताया कि स्मग्लिंग और जालसाजी न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक गंभीर समस्या है। उन्होंने कहा कि जालसाजी और तस्करी के खतरे से उपभोक्ताओं की रक्षा करने के लिए प्रवर्तन एजेंसियों के बीच जागरुकता का होना जरूरी है।
जालसाजी और तस्करी के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव के बारे में दीप चंद, एडवाईज़र, फिक्की कास्केड और पूर्व विशेष पुलिस आयुक्त, नई दिल्ली ने कहा, ‘‘ग्रे मार्केट गैरकानूनी उद्योग को बढ़ावा दे रहा है, जिस वजह से समाज में अपराध बढ़ रहे हैं। इस क्षमता निर्माण कार्यक्रम का उद्देश्य छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों को तस्करी किए गए और नकली उत्पादों के गंभीर प्रभाव के बारे में जागरुक बनाना है।
उन्होंने कहा कि फिक्की कास्केड की हालिया रिपोर्ट, ‘‘गैरकानूनी बाजारः हमारे राष्ट्रीय हितों को खतरा’’ के मुताबिक पाँच प्रमुख उद्योगों (मोबाईल फोन, एफएमसीजी- हाउसहोल्ड एवं पर्सनल गुड्स, एफएमसीजी- पैकेज्ड फुड्स, तम्बाकू उत्पाद और एल्कोहलिक बेवरेजेस) में गैरकानूनी व्यापार के कारण वैध रोजगार को अनुमानित 15.96 लाख का नुकसान होता है। इन उद्योगों में नकली उत्पादों के कारण सरकारी खजाने को अनुमानित 58,521 करोड़ रु. के टैक्स का नुकसान होता है, जिसमें दो अत्यधिक रैगुलेटेड और टैक्स वाले उद्योगों, तम्बाकू उत्पाद एवं एल्कोहलिक बेवरेज में कुल मिलकर लगभग 49 प्रतिशत टैक्स का नुकसान होता हैं।
कर्नल अतुल यादव, जनरल मैनेजर – नॉर्थ, इंडस्ट्री अफेयर्स, आईटीसी लिमिटेड ने कहा, ‘‘बाजार में तस्करी और जालसाजी जैसी गैरकानूनी गतिविधियाँ धड़ल्ले से चल रही हैं, और खराब गुणवत्ता के नकली एवं तस्करी किए गए उत्पाद गंदी जगहों पर गुणवत्ता के मानकों का पालन किए बगैर बनाए जा रहे हैं, और गैरकानूनी रूप से बेचे जा रहे हैं, जिससे काला धन बढ़ता जा रहा है।’’ उन्होंने बताया कि तस्करी बेतहाशा रूप से बढ़ने का मुख्य कारण ऊँचा टैक्स है, जिसके कारण गैरकानूनी गतिविधियाँ करने के लिए काफी ज्यादा मार्जिन मिल जाता है। देश में तस्करी का विस्तार बहुत ज्यादा चिंताजनक है। यद्यपि भारत में तस्करी की बढ़ती समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए अनुपालन और प्रक्रियाओं को और ज्यादा मजबूत बनाए जाने की जरूरत है, ताकि इस तरह के अपराध ज्यादा आसानी से सामने आ सकें।’’
मिस आशिता अगरवाल, पॉलिसी मैनेजर, पब्लिक पॉलिसी, एमेज़ॉन इंडिया ने कहा, ‘‘एमेज़ॉन ग्राहकों का विश्वास कम करने वाली धोखाधड़ी और बाजारों के दुरुपयोग को रोकने पर केंद्रित है। हमने अनेक अभियान शुरू किए हैं और अपने मार्केटप्लेस को ग्राहकों, ब्रांड्स एवं सैलर्स द्वारा विनिमय करने का एक सुरक्षित व भरोसेमंद प्लेटफॉर्म बनाने के लिए अपने संसाधनों को लगाया है।’’ उन्होंने कहा कि एमेज़ॉन ग्राहकों को सशक्त बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देने और उनमें भाग लेने के लिए प्रतिबद्ध है ताकि वो डिजिटल युग के खतरों से सुरक्षित रहते हुए ऑनलाईन शॉपिंग का आनंद ले सकें।’’
फिक्की कास्केड तस्करी और जालसाजी के नुकसानों के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए सालों से सरकार, उद्योग, प्रवर्तन अधिकारियों, कानूनी समुदाय, उपभोक्ता संगठनों और युवाओं के साथ मिलकर काम कर रहा है। अपनी विभिन्न गतिविधियों के साथ फिक्की कास्केड नियमित रूप से कानून प्रवर्तन एजेंसियों, जैसे पुलिस, कस्टम्स और सीमा सुरक्षा में लगे पैरामिलिटरी संगठनों को इस समस्या की गंभीरता के बारे में जागरुक बना रहा है।