मन की बात की 104वीं कड़ी में प्रधानमंत्री के सम्बोधन का मूल पाठ (27.08.2023)
New Delhi (IMNB). मेरे प्यारे परिवारजन, नमस्कार। ‘मन की बात’ के अगस्त एपिसोड में आपका एक बार फिर बहुत-बहुत स्वागत है। मुझे याद नहीं पड़ता कि कभी ऐसा हुआ हो, कि सावन के महीने में, दो-दो बार ‘मन की बात’ का कार्यक्रम हुआ, लेकिन, इस बार, ऐसा ही हो रहा है। सावन यानि महाशिव का महीना, उत्सव और उल्लास का महीना। चंद्रयान की सफलता ने उत्सव के इस माहौल को कई गुना बढ़ा दिया है। चंद्रयान को चन्द्रमा पर पहुँचे, तीन दिन से ज्यादा का समय हो रहा है। ये सफलता इतनी बड़ी है कि इसकी जितनी चर्चा की जाए, वो कम है। जब आज आपसे बात कर रहा हूँ तो एक पुरानी मेरी कविता की कुछ पंक्तियां याद आ रही हैं...
आसमान में सिर उठाकर
घने बादलों को चीरकर
रोशनी का संकल्प ले
अभी तो सूरज उगा है।
दृढ़ निश्चय के साथ चलकर
हर मुश्किल को पार कर
घोर अंधेरे को मिटाने
अभी तो सूरज उगा है।
आसमान मे...