उत्तर बस्तर कांकेर 30 दिसम्बर 2022ः-सौर सुजला योजना ने कांकेर जिले के हजारों किसानों को और उनके परिवारों को बिजली बिलों की चिन्ता से मुक्त कर दिया है। सोलर पम्प सूरज की रोशनी से चलती है इसलिए किसानों को बिजली बिल जमा करने की चिंता नहीं होती है। इस योजना के तहत किसानों को लाखों रुपए कीमत के सोलर सिंचाई पम्प सिर्फ कुछ हजार रुपए में आसानी से मिल रही है। इन सोलर पम्पों से उन्हें बारहमासी सिंचाई सुविधा भी मिलने लगी है।
योजना के तहत् राज्य सरकार द्वारा तीन हार्सपावर और पांच हार्सपावर क्षमता वाले सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई पम्प किसानों को बेहद कम कीमत पर दिया जा रहा है। लगभग साढ़े तीन लाख रूपए की लागत के तीन एचपी क्षमता वाले पम्प अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को सात हजार रूपए में एवं अन्य पिछ़डा वर्ग के किसानों को बारह हजार रूपये तथा सामान्य वर्ग के किसानों को अट्ठारह हजार रूपए में उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके लिए तीन हजार रूपए प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित है। लगभग साढ़े चार लाख रूपए लागत के पांच हार्सपावर क्षमता वाले पम्प अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को दस हजार रूपए, पिछड़ा वर्ग के किसानों को पन्द्रह हजार रूपए और सामान्य वर्ग के किसानों को बीस हजार रूपये में उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इन पम्पों के लिए चार हजार आठ सौ रूपए का प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित किया गया है, शेष राशि शासकीय अनुदान के रूप में सरकार वहन कर रही है, योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा किया जा रहा है।
विकासखण्ड चारामा अंतर्गत ग्राम तारसगांव के किसान श्रीमती सगनी बाई भास्कर ने बताया कि पहले उन्होंने अपने खेत में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन लागत ज्यादा होने के कारण खेत तक बिजली लाईन नहीं पहुंच पायी, जब उन्हें सौर सुजला योजना की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत आवेदन दिया। जिस पर छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा उनके खेत में मात्र दस हजार रूपये में तीन हार्सपावर का सोलर पंप स्थापित किया गया। इसके बाद से उनके दो एकड़ बंजर भूमि को सिंचाई सुविधा मिली। वे अब इसके 90 डिसमिल भूमि में लाख की खेती कर रहे हैं, जिसके उत्पादन से प्रतिवर्ष 01 लाख 50 हजार रूपये तक का मुनाफा हो रहा है, साथ ही साथ 50 डिसमिल भूमि में सिंचाई कर जिमी कंद, अदरक, बैगन इत्यादि की भी खेती कर रहे हैं, जिससे उनके आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। सौर सुजला योजना के तहत् कम लागत में सोलर पम्प लगने से कृषक शगनी बाई बहुत खुश है।
योजना के तहत् राज्य सरकार द्वारा तीन हार्सपावर और पांच हार्सपावर क्षमता वाले सौर ऊर्जा संचालित सिंचाई पम्प किसानों को बेहद कम कीमत पर दिया जा रहा है। लगभग साढ़े तीन लाख रूपए की लागत के तीन एचपी क्षमता वाले पम्प अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को सात हजार रूपए में एवं अन्य पिछ़डा वर्ग के किसानों को बारह हजार रूपये तथा सामान्य वर्ग के किसानों को अट्ठारह हजार रूपए में उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके लिए तीन हजार रूपए प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित है। लगभग साढ़े चार लाख रूपए लागत के पांच हार्सपावर क्षमता वाले पम्प अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को दस हजार रूपए, पिछड़ा वर्ग के किसानों को पन्द्रह हजार रूपए और सामान्य वर्ग के किसानों को बीस हजार रूपये में उपलब्ध कराये जा रहे हैं। इन पम्पों के लिए चार हजार आठ सौ रूपए का प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित किया गया है, शेष राशि शासकीय अनुदान के रूप में सरकार वहन कर रही है, योजना का संचालन छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा किया जा रहा है।
विकासखण्ड चारामा अंतर्गत ग्राम तारसगांव के किसान श्रीमती सगनी बाई भास्कर ने बताया कि पहले उन्होंने अपने खेत में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन दिया था, लेकिन लागत ज्यादा होने के कारण खेत तक बिजली लाईन नहीं पहुंच पायी, जब उन्हें सौर सुजला योजना की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत आवेदन दिया। जिस पर छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा उनके खेत में मात्र दस हजार रूपये में तीन हार्सपावर का सोलर पंप स्थापित किया गया। इसके बाद से उनके दो एकड़ बंजर भूमि को सिंचाई सुविधा मिली। वे अब इसके 90 डिसमिल भूमि में लाख की खेती कर रहे हैं, जिसके उत्पादन से प्रतिवर्ष 01 लाख 50 हजार रूपये तक का मुनाफा हो रहा है, साथ ही साथ 50 डिसमिल भूमि में सिंचाई कर जिमी कंद, अदरक, बैगन इत्यादि की भी खेती कर रहे हैं, जिससे उनके आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। सौर सुजला योजना के तहत् कम लागत में सोलर पम्प लगने से कृषक शगनी बाई बहुत खुश है।