मध्यप्रदेश : इतना सन्नाटा क्यों है भाई!! (टिप्पणी : बादल सरोज)
🔵 इन पंक्तियों के लिखे जाने तक सभी राज्यों में मतदान हो चुका है। कहीं ज्यादा, कहीं कम के हिसाब से अब तक हुए सभी राज्यों के मतदान में कुछ भी असाधारण या असामान्य नहीं है। औसतन जितने प्रतिशत मतदान होता था, लगभग उसी के आसपास मत डाले गए हैं। औसतन जितनी हिंसा होती है, करीब-करीब उतनी ही हुयी। इसमें असामान्य केवल इतना था कि मुरैना के इतिहास में पहली बार चुनाव के दौरान ठाकुरों में आपस में गोलियां चली। इसके अलावा नया सा कुछ नहीं दिखा।
🔵 मगर एकदम नया यह है कि मध्यप्रदेश में वोट डले करीब पखवाड़ा होने को है, लेकिन पूरे यकीन और आत्मविश्वास के साथ कोई भी इस बात की घोषणा करने को तैयार नहीं है कि अंततः जीत किसकी होगी, सरकार किसकी बनेगी। यह वाकई में नयी-सी लगने वाली बात है कि खुद मतदाता अपने आपको आश्वस्त महसूस नहीं कर रहे हैं।
🔵 यह अनायास नहीं है ; इसके पीछे कुछ है। ऐसा कुछ, जो चुनाव प्रणाली में किसी व...