सेल्फीमय देश हमारा! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
लीजिए, अब इन विरोधियों को इसमें भी आपत्ति हो गयी। कह रहे हैं कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सारे विश्वविद्यालयों को अपने यहां जो सैल्फी पाइंट बनाने का निर्देश दिया है, वह सही नहीं है। कम-से-कम विश्वविद्यालयों को ऐसे सैल्फी पाइंट बनाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। पहले सैन्य प्रतिष्ठानों से अपने यहां ऐसे सैल्फी पाइंट बनाने का निर्देश दिया गया। अब विश्वविद्यालयों को भी! और सैल्फी पाइंट भी कैसे? कह रहे हैं कि ये तो मोदी जी के साथ सैल्फी के पाइंट बनाने का आदेश है। मोदी जी की फोटो के चक्कर में भाई लोग सैल्फी का ही नाम बदले दे रहे हैं! फोटो विद मोदी जी वाली सैल्फी भी कोई सैल्फी है, लल्लू!
खैर! मोदी जी की फोटो के साथ वाली सैल्फी को सैल्फी कहेंगे या नहीं कहेंगे, इस झगड़े में हम नहीं जाएंगे। पर विरोधी यह तो बताएं कि इन्हें प्राब्लम किस से है -- मोदी जी की फोटो वाले सैल्फी से या सैल्फी पाइ...