लखपति दीदी योजना महिलाओं के हुनर एवं कारीगरी व बुनाई को तराशने में हो रही कारगर साबित

– महिलाएं बन रही आर्थिक दृष्टि से सशक्त एवं आत्मनिर्भर
– हथकरघा उद्योग से प्रतिमाह कम से कम 10 हजार रूपए से 12 हजार रूपए तक बुनाई मजदूरी होगी प्राप्त
– ट्यूनिक वस्त्र गणवेश, चादर, टॉवेल, बेडशीट सहित अन्य वस्त्र निर्माण का लिया प्रशिक्षण
राजनांदगांव 07 अप्रैल 2025। महिलाओं के हुनर एवं कारीगरी व बुनाई को तराशने के लिए जिले में लखपति दीदी योजना के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें आर्थिक दृष्टिकोण से सशक्त करने की दिशा में यह प्रयास कारगर साबित हो रहे है। हाथों से बने सुंदर वस्त्रों की मार्केट में अच्छी डिमांड है, वहीं स्थानीय स्तर पर भी मांग है। हथकरघा बुनकर हमारे देश की बहुमूल्य धरोहर है। अच्छी बुनावट, मोहकता, रंग संयोजन, एवं अच्छी गुणवत्ता से हथकरघा में बुने वस्त्र जनमानस में लोकप्रिय है। इसके दृष्टिगत कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सुश्री सुरूचि सिंह के निर्देशन में डोंगरगढ़ विकासखण्ड के ग्राम सेंदरी एवं नारायणगढ़ की 20-20 महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के उद्देश्य से जिला खनिज संस्थान न्यास राजनांदगांव मद से ग्रामोद्योग हाथकरघा विभाग द्वारा हाथकरघा वस्त्र बुनाई प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को स्वरोजगार से जोडऩे की दिशा में हाथकरघा उद्योग से लखपति दीदी योजना बहुत ही प्रभावी साबित हो रही है। महिलायें बुनाई प्रशिक्षण में ट्यूनिक वस्त्र गणवेश, चादर, टॉवेल, बेडशीट सहित अन्य वस्त्र निर्माण कार्य का प्रशिक्षण ले चुकी हैं। वर्तमान में प्रशिक्षित महिलाएं जय गढ़माता बुनकर सहकारी समिति मर्यादित ठाकुरटोला के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य हाथकरघा विकास एवं विपणन संघ मर्यादित रायपुर की शासकीय वस्त्र प्रदाय योजना के तहत वस्त्र उत्पादन एवं विपणन कार्य कर रही हैं। जिससे उन्हें प्रतिमाह कम से कम 10 हजार रूपए से 12 हजार रूपए तक बुनाई मजदूरी होगी और उन्हें 12 महीने रोजगार प्राप्त हो रहा है। इस तरह सालाना एक लाख रूपए से अधिक की आय प्राप्त कर प्रत्येक महिलाएं लखपति दीदी बनने एवं आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं।

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