डॉ. भट्टाचार्जी ने कहा कि घटना से निपटने में ‘कई स्तरों पर चूक‘ हुई थी. उन्होंने कहा, “मेरी दो पन्नों की शिकायत – इसे बस फेंक दिया गया था, अगर मीडिया ने इसे नहीं लिया होता तो किसी को भी इस बारे में पता नहीं चलता.”
अमेरिका में ऑडियोलॉजी के डॉक्टर भट्टाचार्जी ने कहा कि उन्होंने केबिन क्रू को यात्री के बारे में सतर्क कर दिया था, जो अपनी ड्रिंक को संभालने में असमर्थ लग रहा था.
डॉ. भट्टाचार्जी ने कहा, “उड़ान भरने के लगभग एक घंटे बाद हमें दोपहर का भोजन दिया गया और वह 40 मिनट में ही चार ड्रिंक्स पी चुका था.” उन्होंने कहा, “दोपहर के भोजन के दौरान उसने मुझसे बार-बार सवाल पूछे जैसे कि आपके बच्चे हैं और वे क्या करते हैं. मुझे लगा कि वह शराब के कारण रुक नहीं पा रहा है. मैंने इस बारे में स्टॉफ को बताया, स्टॉफ बस मुस्कुराया.‘ उसके बाद उस आदमी को कम से कम एक और ड्रिंक पिलाई गई.
इस मामले में 26 नवंबर को उसी दिन शिकायत दर्ज कराने वाले डॉ. भट्टाचार्जी ने कहा कि घटना से निपटने में ‘कई स्तरों पर चूक‘ हुई थी. उन्होंने कहा, “मेरी दो पन्नों की शिकायत – इसे बस फेंक दिया गया था, अगर मीडिया ने इसे नहीं लिया होता तो किसी को भी इस बारे में पता नहीं चलता. मेरी शिकायत यात्री के नशा करने को लेकर नहीं थी, यह घटना को लेकर पायलट के खराब फैसले पर थी.”
डॉ. भट्टाचार्जी ने कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति को बुजुर्ग महिला यात्री पर पेशाब करते नहीं देखा और मिश्रा के अपनी सीट पर लौटने के बाद ही उनकी नींद खुली.
पेशाब में पूरी तरह भीग चुकी महिला को पायजामा दिया गया और उन्हें करीब 20 मिनट तक गैलेरी में खड़ा रखा गया. इसके बाद केबिन क्रू ने कुछ कंबल बिछाकर उन्हें उसी सीट पर बिठा दिया. डॉ भट्टाचार्जी ने कहा, “मैंने वकालत की कि वे महिला को एक अलग सीट दें दें. मैंने कहा कि आपकी चार सीट खाली हैं.”
डॉ. भट्टाचार्जी ने कहा, ‘कर्मचारियों ने कहा कि यह पायलट का फैसला था.‘ वह फैसला दो घंटे बाद आया और उन्हें नई सीट दी गई.
डॉ. भट्टाचार्जी ने कहा कि चालक दल ने मामले को निपटाने के लिए दोनों यात्रियों को भी छोड़ दिया, जो नहीं होना चाहिए था. यह पूछे जाने पर कि क्या महिला को शंकर मिश्रा के साथ ‘समझौता‘ करने के लिए मजबूर किया गया था, उन्होंने कहा, ‘हां‘.
उन्होंने कहा, “मुझे यह पसंद नहीं आया कि उन्होंने उन्हें एक-दूसरे के सामने बिठाया, आप हमलावर और पीड़ित को आमने-सामने नहीं लाते. चालक दल और कप्तान ऐसे मामले में मध्यस्थता नहीं कर सकते. यह एक अपराध है और उनका काम अपराध के बारे में शिकायत करना है.”
डॉ भट्टाचार्जी ने कहा कि शंकर मिश्रा जब उठा तो होश में था. उसने कहा, ‘भाई मुझे लगता है कि मैं मुसीबत में हूं.’ मैंने कहा, ‘हां तुम हो.‘
टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने आज स्वीकार किया कि एयर इंडिया की प्रतिक्रिया तेज होनी चाहिए थी. चंद्रशेखरन ने एक बयान में कहा, “हम इस स्थिति से निपटने में विफल रहे, जिस तरह से यह होना चाहिए था.”
शंकर मिश्रा को घटना के छह सप्ताह बाद शुक्रवार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसे एक पखवाड़े के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
एयर इंडिया के सीईओ कैंपबेल विल्सन ने माफी मांगी है और कहा है कि चार केबिन क्रू और एक पायलट को रोस्टर से हटा दिया गया है और एयरलाइन अपनी उड़ान के दौरान शराब देने की नीति की समीक्षा कर रहा है.