उद्यमशीलता से भारत को एक बार फिर बनाएंगे सोने की चिड़िया : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

“सर्वे भवंतु सुखिनः” की सनातन संस्कृति को चरितार्थ करते हैं, उद्योगपति
शहडोल कॉन्क्लेव में 32,520 करोड़ के निवेश प्रस्ताव हुए प्राप्त
30 हजार से अधिक का होगा रोजगार सृजन
सरलता, सुगमता के साथ व्यापार व्यवसाय हमारी औद्योगिक नीति
भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में उद्यमशीलता के माध्यम से हम भारत को एक बार फिर सोने की चिड़िया बनाएंगे। वर्ष 2014 में जब मोदी की सरकार बनी थी, भारत की अर्थव्यवस्था के समक्ष गंभीर चुनौतियां थीं। भारत विश्व की 11वीं अर्थव्यवस्था था। हमने अपनी आंतरिक शक्तियों, अनंत संभावनाओं को पहचाना और आज हम आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी तेज गति से विकास हो रहा है। हमारा मध्यप्रदेश 9 करोड़ का परिवार है और आने वाले 5 वर्षों में हम अपनी जीडीपी को दोगुना करने वाले हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उद्योगपति हमारी “सर्वे भवंतु सुखिनः” की सनातन संस्कृति को चरितार्थ करते हैं। एक योद्धा जिस प्रकार युद्ध में देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पण कर देता है उसी प्रकार एक उद्यमी कई परिवारों का भला करता है। यदि हम सभी अपनी-अपनी भूमिका को ठीक ढंग से निभाएं तो सभी का कल्याण होगा और देश तरक्की करेगा। अपने लिए जिए तो क्या जिए, हमें सभी के कल्याण के लिए जीना है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरलता, सुगमता के साथ व्यापार, व्यवसाय हमारी औद्योगिक नीति है। राज्य में उद्योगों के अनुकूल वातावरण है। हम उद्योगों को सहकार, सहयोग और सम्मान देते हैं। राज्य में औद्योगिक श्रमिकों की कोई परेशानी नहीं है। पर्यटन, आईटी सेक्टर और रेडीमेड गारमेंट्स आदि क्षेत्रों में उद्योगों को विशेष इंसेन्टिव दिए जाते हैं। रेडीमेड गारमेंट्स में 200 प्रतिशत तक मदद दी जाती है और 10 वर्ष तक 5 हजार रूपये प्रति मजदूर इंसेन्टिव भी दिया जाता है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में प्रत्येक युवा को उसकी योग्यता और दक्षता के अनुरूप रोजगार मिलेगा। मध्यप्रदेश में पिछले कुछ समय में 6 रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव आयोजित किये गए हैं, जिनमें 04 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निवेश आया है, और इनसे 3 लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। मध्यप्रदेश में आगामी 24 फरवरी को ग्लोबल इन्वेस्टर्स कॉन्क्लेव आयोजित की गई है। विभिन्न क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं को तलाशते हुए, सभी विभाग अपनी नीतियां बना रहे हैं, जो शीघ्र ही तैयार हो जाएंगी। प्रदेश में नव उद्यमिता (स्टार्ट-अप) को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय स्टार्ट-अप दिवस की सभी को बधाई दी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हमारे लिए विकास का अर्थ केवल भौतिक अधोसंरचनाओं का विकास नहीं है, हम समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गरीब, युवा, महिला और किसानों के कल्याण के लिए मिशन प्रारंभ किया है, जिस पर हम तेजी से कार्य कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शहडोल, अनूपपुर, उमरिया क्षेत्र धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, परंतु इस क्षेत्र का विकास कहीं न कहीं रुका हुआ था। अब इनके विकास का समय आया है, आगामी वर्षों में यहां सर्वांगीण विकास होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में संतुलित विकास की दिशा में कदम बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश की 7वीं रीजनल इंडस्ट्रीज कान्क्लेव ‘अपार संभावनाओं की भूमि’ शहडोल में आयोजित हुई है। उद्योगपतियों द्वारा यहां अपने अनुभव साझा किये गये है। मध्यप्रदेश की अग्रसर औद्योगिक नीति और अनुकूल औद्योगिक वातावरण से यहां निवेश के निरंतर प्रस्ताव प्राप्त हो रहे है, जो कि हमारी प्रगतिशील औद्योगिक नीति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। हमारा लक्ष्य है शहडोल को एक औद्योगिक हब के रूप में विकसित करना जो के केवल मध्यप्रदेश नहीं अपितु पूरे देश का औद्योगिक केन्द्र बनें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं सभी उद्योगपतियों और निवेशकों का धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ, जिन्होंने इस कान्क्लेव में शामिल होकर क्षेत्र में निवेश के प्रति की रूचि दिखाई है। राज्य सरकार उद्योगपतियों और निवेशकों को हर संभव सहायता और सहयोग करेगी, जिससे इस क्षेत्र का समग्र विकास हो सकें।
उप मुख्यमंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के आयोजन से शहडोल के नागरिकों में उत्साह और रोमांच का संचार हुआ है। ऐसा आयोजन, जो अब तक केवल बड़े शहरों तक सीमित रहता था, आज मुख्यमंत्री डॉ. यादव की दूरदर्शी सोच और प्रदेश के समग्र विकास के संकल्प के कारण संभाग स्तर में संभव हो पाया है। इस कॉन्क्लेव में देशभर से उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया और क्षेत्र के विकास में अपनी सहभागिता की इच्छा व्यक्त की। शहडोल संभाग और समूचा विंध्य क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। यहाँ माँ नर्मदा का आशीर्वाद है, कोयले का अपार भंडार है, और पर्यटन के क्षेत्र में नए अवसरों का विकास हो रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव की नेतृत्व क्षमता और उनके विज़न के कारण इस क्षेत्र में अब औद्योगिक क्रांति का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। सिंचाई परियोजनाओं ने यहाँ हरित क्रांति को संभव बनाया है और अब औद्योगिक निवेश से क्षेत्र के विकास को नयी दिशा और गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में समूचा मध्यप्रदेश नई औद्योगिक क्रांति की ओर अग्रसर है।
कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दिलीप जायसवाल ने शहडोल रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के लिये मुख्यमंत्री का आभार माना। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में औद्योगिक निवेश से रोजगार के नये अवसर मिलेंगे। शहडोल संभाग में उद्योगों के लिये पर्याप्त मात्रा में जल, जमीन, जंगल और जन हैं। यहां के परिश्रमी लोग उद्योग को ऊंचाई तक ले जाने में सहभागी बनेंगे। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पूरा प्रदेश औद्योगिक निवेश की राह पर तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
उद्योगपतियों ने कोयला, ऊर्जा और इस्पात के क्षेत्र में दिये निवेश प्रस्ताव
शहडोल रीजनल इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव में शामिल 40 से अधिक उद्योगपतियों ने निवेश के कई प्रस्ताव दिए। उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की औद्योगिक संवर्धन नीति की प्रशंसा की।
टोरेन्ट पॉवर लिमिटेड के वाइस प्रेसीडेंट श्री नवीन कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश की निवेश नीति उद्योगों के अनुकूल है। मध्यप्रदेश निवेश की दृष्टि से आदर्श राज्य है। यहां तय समय-सीमा में निवेश प्रस्तावों को मंजूरी दी जा रही है। प्रदेश में पर्याप्त बिजली पानी और अधोसंरचना की सुविधाएं उपलब्ध हैं। टोरेन्ट पॉवर लिमिटेड प्रदेश में आधुनिक तकनीक पर आधारित थर्मल पॉवर प्लांट लगाने जा रहा है। इससे 1 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी निवेश की इच्छा जताई।
रमणीक पॉवर बालाघाट के उद्योगपति श्री हर्ष त्रिवेदी ने कहा कि हमने मध्यप्रदेश में 50 करोड़ रूपये के निवेश से उद्यम शुरू किया था, जिसे प्रदेश की उद्योग हितैषी नीति से हमने 350 करोड़ के निवेश तक पहुंचाया है। हम अब यहां 500 करोड़ रूपए का निवेश करेंगे। मध्यप्रदेश में अच्छी सड़कें, रेलमार्ग और अन्य सुविधाएं उद्योगपतियों को निवेश के लिए आकर्षित कर रही हैं। प्रदेश जहां कभी बिजली की कमी थी, अब वह दूसरे राज्यों को बिजली दे रहा है। यहां बड़ी संख्या में प्रशिक्षित श्रमिक और तकनीशियन हैं। मध्यप्रदेश शीघ्र ही देश के अग्रणी राज्यों में शुमार होगा।
रिलायंस एनर्जी के श्री रवि कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने हर संभाग में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन कर साहसी कदम उठाया है। यह छोटे और बड़े दोनों निवेशकों के लिए बड़ा असरदार रहा है। रिलायंस ने शहडोल से नेचुरल गैस पर आधारित उद्योग 20 वर्ष पहले स्थापित किया था, इसमें 6 हजार करोड़ का निवेश कर शहडोल से फूलपुर उत्तरप्रदेश तक 250 किलोमीटर तक गैसपाईप लाईन बिछाई है। यह पूरा क्षेत्र गैस आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए सबसे अनुकूल क्षेत्र है।
सरदा एनर्जी रायपुर के उद्योगपति श्री कमल किशोर शारदा ने कहा कि हम शहडोल क्षेत्र में कोयले पर आधारित स्टील प्लांट लगाने जा रहे हैं। साथ ही नवकरणीय ऊर्जा एवं थर्मल पॉवर में भी हम निवेश करेंगे। उद्योगों की स्थापना से इस पूरे क्षेत्र में खुशहाली आएगी। हम क्षेत्र के किशानों को हाईब्रिड बीज उत्पादन का प्रशिक्षण देकर क्षेत्र की खेती को भी बेहतर करने का प्रयास करेंगे। उद्योगपति श्री नरेन्द्र गोयल ने कहा कि हम शहडोल क्षेत्र में 3 हजार करोड़ का निवेश करके सरिया बनाएंगे। हम

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