*सुप्रीम कोर्ट ने फर्ज याद दिलाते हुए कुंभकर्णी नींद से आयोग को जगाया : रिजवी*
रायपुर। दिनांक 26/11/2022। मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ अधिवक्ता इकबाल अहमद रिजवी ने कहा है कि नवनिर्वाचित इलेक्शन कमिश्नर अरूण गोयल की नियुक्ति पर सवालिया निशान लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से गोयल की नियुक्ति प्रक्रिया की फाईल तलब की है जो निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता एवं प्रक्रिया की पारदर्शिता पर प्रश्न चिन्ह लगाती है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस नियुक्ति में हैन्की-पैन्की तो नहीं है। सुको ने आयोग को उसके असीमित फर्ज याद दिलाते हुए कहा है कि जहां तक आयोग की पारदर्शिता का सवाल है, उसे आयोग की असीमित अधिकारों को याद रखना चाहिए, चाहे आरोपी कितने ही उच्च पद पर आसीन क्यों न हो। आयोग के असीमित पावर का हवाला देते हुए सुको ने पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त स्व. टी.एन. शेषन का स्मरण करते हुए कहा है कि आज भी उनके समान योग्यता, निडरता जैसा व्यक्तित्व रखने वाले कई लोग इस देश में है परन्तु उन्हें अनदेखा कर दिया जाता है क्योंकि ऐसे व्यक्ति किसी की सिफारिश को ध्यान न देते हुए सच्चाई एवं आयोग की गरिमा को ध्यान में रखते हुए नियमानुसार कार्य करने में विश्वास रखते हैं, जैसा कि स्व. टी.एन. शेषन के कार्यकाल में देखने को मिला था। आज निर्वाचन आयोग में ऐसे ही ईमानदार एवं योग्य व्यक्ति की जरूरत है। वर्तमान में कुछ तो है जिनकी पर्दादारी है, इसीलिए नवनिर्वाचित अरूण गोयल की जल्दबाजी में की गई नियुक्ति उच्चतम न्यायालय की पड़ताल के दायरे में आ गई है।
रिजवी ने इसी कड़ी में सुप्रीम कोर्ट का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा है कि केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आने वाले इदारों जैसे इडी, आईटी तथा सीबीआई की नियुक्ति प्रक्रिया पर सुको को स्वयं संज्ञान लेकर अंकुश लगाने हेतु पारदर्शिता अपनाने की हिदायत देना चाहिए।