गांधी टॉक्स’ करेंसी नोट पर गांधी और उस गांधी के बीच विरोधाभास को सामने लाता है जिनके आदर्शों को हम अपनाना चाहते हैं: अभिनेता विजय सेतुपति

आईएफएफआई 54 में ‘गांधी टॉक्स’ का शानदार प्रीमियर सुर्खियों में

New Delhi (IMNB). 54वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में आज ‘गांधी टॉक्स’ सुर्खियों में रही, जिसमें विजय सेतुपति, अदिति राव हैदरी, अरविंद स्वामी और सिद्धार्थ जादव मुख्य कलाकार है। विजय सेतुपति ने निर्माता शारिक पटेल और राजेश केजरीवाल के साथ आज यहां गोवा में मीडिया से बातचीत की।

‘गांधी टॉक्स’ आईएफएफआई में प्रदर्शित होने वाली पहली मूक फिल्म है। इसका उद्देश्य क्लासिक मूक फिल्मों की पुरानी यादों को फिर से ताजा करना है। यह फिल्म करेंसी नोटों पर गांधी और गांधी के आदर्शों के बीच के द्वंद्व को सामने लाती है जिसे हर कोई अपनाना चाहता है।

फिल्म के बारे में, निर्माता शारिक पटेल ने कहा कि संवाद के लिए केवल दृश्य माध्यम का उपयोग करना निर्देशक की एक दिलचस्प अवधारणा थी। विजय, अदिति, अरविंद, सिद्धार्थ जैसे कलाकारों ने उन्हें आगे बढ़ने का आत्मविश्वास दिया। निर्माता ने कहा, “साउंडट्रैक के लिए ए आर रहमान का होना सोने पर सुहागा था।”

विजय सेतुपति ने फिल्म के बारे में कहा, “न्याय वास्तविकता से अलग है। प्रारंभ में नायक नोटों पर गांधी पर प्रतिक्रिया करता है लेकिन बाद में वह अपने दिल में गांधी पर प्रतिक्रिया करना शुरू कर देता है (गांधी के समझौते)। यह वह द्वंद्व है जिसे फिल्म तलाशती है।”

इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या मूक फिल्म में अभिनय करना मुश्किल था, अभिनेता ने कहा कि उनका अभिनय संवादों के अस्तित्व से प्रभावित नहीं होता है और ऐसा होने का कोई कारण नहीं है। एक अभिनेता के रूप में सफलता के बारे में उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि कला हमें प्रशंसा देगी और दर्शकों को कायल करेगी। किसी भी तरह के सिनेमा में सफलता और विफलता का जोखिम हमेशा बना रहता है। आप उत्सुक हैं और आपके अंदर घबराहट है।”

बातचीत यहां देखेंhttps://www.youtube.com/watch?v=VmRi3VxtW2I

सार-संग्रह

एक पात्र की मौद्रिक जरूरतों और यह दूसरों को कैसे प्रभावित करती है, के बारे में यह एक मूक ब्लैक कॉमेडी है। एक युवा, बेरोजगार स्नातक महादेव किसी भी माध्यम से नौकरी पाने के लिए संघर्ष करता है और उसका संयोगवश एक व्यापारी और छोटे चोर से सामना हो जाता है। एक ऐसा विषय जिसमें मौन शब्दों से कहीं ज़्यादा ज़ोर से बोलता है। गांधी टॉक्स का उद्देश्य संवाद के उपकरण को बंद करके एक कथानक बताना है, जो न केवल खौफनाक है बल्कि दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण भी है।

 

फिल्म के कलाकार और कर्मी दल

निदेशक: किशोर पांडुरंग बेलेकर

निर्माता: ज़ी स्टूडियोज़, क्यूरियस और मूवीमिल

पटकथा: किशोर पी. बेलेकर

डीओपी: करण बी. रावत

संपादक: आशीष म्हात्रे

कलाकार: विजय सेतुपति, अदिति राव हैदरी, अरविंद स्वामी, सिद्धार्थ जाधव

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