New Delhi (IMNB). 2014 के बाद से विभिन्न देशों से कुल 345 पुरावशेष वापस लाए गए हैं। पुरावशेषों को वापस लाने के लिए कोई विशिष्ट बजट आवंटित नहीं किया गया है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) अपने उपलब्ध बजट से आवश्यकतानुसार व्यय करता है।
सांस्कृतिक विरासत के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। लोगों की जागरूकता के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा विभिन्न प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया है। उदाहरण के लिए, खजुराहो में जी-20 बैठक और नई दिल्ली में विश्व धरोहर समिति की बैठक के दौरान स्वदेश लायी गयी कलाकृतियों की प्रदर्शनियों की प्रतिनिधियों और आगंतुकों द्वारा सराहना की गई। वापस लाए गए चयनित पुरावशेषों को पुराने किले की गैलरी में जनता के लिए भी प्रदर्शित किया गया है।
कलाकृतियों की तस्करी को रोकने के लिए, एएसआई विभिन्न कानून-प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय बनाकर काम करता है।
जब भी किसी पुरावशेष की चोरी की सूचना मिलती है, तो संबंधित पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की जाती है और चोरी किए गए पुरावशेषों का पता लगाने के लिए निगरानी हेतु कस्टमज़ एग्जिट चैनल्स सहित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को ‘लुक आउट नोटिस’ जारी किया जाता है।
यह जानकारी केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आज (5 अगस्त 2024) लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।