मुंबई । साल 1987 में आई तमिल फ़िल्म नायकन के बाद पहली बार अब भारतीय एक्टर कमल हासन और निर्देशक मणि रत्नम किसी फ़िल्म में साथ आ रहे हैं- द थग लाइफ़। कमल हासन को बहुत सारे फ़ैन्स एक लिबरल शख़्सियत के तौर पर देखते हैं जो अपनी फ़िल्मों में सामाजिक मुद्दे उठाने से गुरेज़ नहीं करते. वो धर्म, जाति जैसे मुद्दों को दर्शाते रहे हैं. उनकी कई फ़िल्में भारत की ओर से ऑस्कर तक भेजी गई हैं।
कमल हासन उन सितारों में से हैं, जिनके हजारों फ़ैन क्लब हैं जिन्हें नरपणि इयकम कहा जाता है यानी अच्छे कामों के लिए शुरू हुआ अभियान। ख़ुद की हीरो वर्शिप के बजाय कमल हासन ने इन फ़ैन क्लबों को सामाजिक कार्यों से जोड़ दिया। अपनी ख़ुद की पार्टी बनाने के बाद अब वो राजनेता भी हैं और राज्यसभा जाने की तैयारी भी है।
लेकिन उपलब्धियों के साथ कमल हासन और विवादों का भी साथ पुराना है. वे अक्सर अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं जिसके लिए उन्हें आलोचनाएं और प्रशंसा दोनों मिलते रहते हैं।
5 जून को भारत में ‘थग लाइफ़’ फ़िल्म रिलीज़ हुई. इससे पहले दिए गए एक बयान को लेकर कमल हासन विवाद में घिर गए हैं। दरअसल उन्होंने हाल ही में कहा था कि कर्नाटक की भाषा कन्नड़ तमिल से ही उपजी है. इसके बाद से उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहे हैं।
माफ़ी न मांगने की सूरत में उनकी फ़िल्म ‘थग लाइफ़’ कर्नाटक में बैन कर दी जाएगी. कमल हासन ने भी कह दिया है कि अगर वो ग़लत नहीं हैं तो वो माफ़ी नहीं माँगेगे। लेकिन विवाद कमल हासन के लिए कोई नई बात नहीं है. विवाद कभी सामाजिक रहे, कभी धार्मिक, कभी फ़िल्मी तो कभी राजनीतिक और कभी इन सब का मेलजोल।
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