
रायपुर, 01 फरवरी 2025 – धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल परिक्षेत्र स्थित बेहरामार परिसर में एक वृद्ध नर हाथी (मखना) की मृत्यु हो गई। यह हाथी लगभग 60 वर्ष का था और पिछले दो माह से गंभीर रूप से बीमार था। वन विभाग द्वारा लगातार निगरानी और उपचार के बावजूद, 31 जनवरी की शाम चार बजे उसने दम तोड़ दिया।
वन विभाग के अनुसार, हाथी के चारों पैरों, ऊपरी उदर और पुष्ट भाग में गहरे घाव थे, जिनमें संक्रमण हो गया था। इसे पहले करतला वन परिक्षेत्र (कोरबा वनमंडल) में उपचार मिला था, लेकिन 2 जनवरी को यह धरमजयगढ़ क्षेत्र में आ गया, जहां इसके स्वास्थ्य पर लगातार नजर रखी गई। स्थिति बिगड़ने पर 30 जनवरी को रमकोला हाथी राहत एवं पुनर्वास केंद्र (सूरजपुर) से दो कुमकी हाथी मंगवाए गए, लेकिन उपचार के दौरान ही हाथी की मृत्यु हो गई।
एक फरवरी की सुबह वन्यप्राणी चिकित्सकों द्वारा शव विच्छेदन किया गया, जिसमें गंभीर संक्रमण को मृत्यु का कारण बताया गया। नियमानुसार, 10×10 फीट के गड्ढे में हाथी को दफनाया गया। धरमजयगढ़ वनमंडल हाथी प्रभावित क्षेत्र है, जहां वन विभाग सतत ट्रैकिंग और निगरानी कर रहा है।