Sunday, September 8

एक्जिट पोल से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के सीटों में कमी कर्मचारियों और पेंशनरों की नाराजगी का असर

*डाक मत में भी कर्मचारियों की नाराजगी जरूर दिखेगी*

इलेक्ट्रानिक और प्रिंट मीडिया एक्जिट पोल के पूर्वानुमान में छत्तीसगढ़ राज्य के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की सीटों में आ रही संख्या में कमी तथा बड़ी मुश्किल से सरकार बनाने की बात बताए जाने से यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि भूपेश सरकार को कर्मचारियों और पेंशनरों की नाराजगी भारी पड़ी है। मतदान के दूसरे चरण के पहले डीए देने को लेकर चुनाव आयोग से अनुमति लेने हेतु अधिकारियों को निर्देश देने का उनके खयाली बयान का कितना असर हुआ यह अंतिम परिणाम देखने पर समझना पड़ेगा क्योंकि उनके निर्देश पर मतदान तिथि 17 नवंबर तक न अनुमति मिली और न ही आदेश हुए। लगातार 5 साल तक की गई उपेक्षा का ही यह परिणाम है। इसमें डीए डीआर का एरियर हजम करने की बात का असर सबसे ज्यादा है। चुनाव के अंतिम परिणाम में मतगणना में कम वोटों से हार में सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों एव उनके परिवार की सरकार के नाराजगी में पड़ी वोट का इसमें सबसे बड़ा हाथ होगा। डाक मत में भी कर्मचारियों की नाराजगी जरूर नजर आएगी।
उक्त बातें कहते हुए वरिष्ठ कर्मचारी नेता छत्तीसगढ़ राज्य संयुक्त पेंशनर फेडरेशन के प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र नामदेव ने अपने बयान में आगे बताया है छत्तीसगढ़ में पेंशनर फेडरेशन ने बार बार सरकार का ध्यान आकर्षित कर 22 वर्षो से डीआर भुगतान में बाधक मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49(6) को विलोपित करने की मांग की परंतु सरकार इसे नजर अंदाज किया और इसी बहाने डीआर देने में हमेशा विलम्ब किया और देश में एरियर हजम करने का रिकार्ड बना डाला। बिलकुल यही नियति राज्य सरकार के नियमित कर्मचारियों और अधिकारियों के साथ रही वे भी 5 साल तक डीए और एरियर के लिए तरसते रहे हैं।अनियमित, संविदा, दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों की नाराजगी को कम नहीं आंका जा सकता। नियमित कर्मचारी अन्य कर्मचारी हितैषी मामलों के साथ साथ लगातार संघर्ष करने वाले प्रदेश के लिपिकवर्गीय कर्मचारियों का वेतन विसंगति में सुधार न होना भी अंतिम परिणाम में घातक सिद्ध हो सकता है।
जारी विज्ञप्ति में उन्होंने आगे बताया है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी की सरकार यदि चली जाती है तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। अंतिम परिणाम में भी यही दिख रहा है कि कर्मचारियों और पेंशनरों की नाराजगी सरकार के लिए वाटर लू साबित होगा और आने वाले 5 वर्षों तक विपक्ष की भूमिका कांग्रेस पार्टी को जाना ही होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *