= कार्ड धारकों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध हो: मो् कैसर अब्दुल हक
जगदलपुर। मनरेगा आयुक्त मो. कैसर अब्दुल हक अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान बस्तर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना एवं महात्मा गांधी नरेगा योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने सभी मनरेगा के अधिकारी कर्मचारियों को आगामी समय में अधिक से अधिक कार्य संचालित करते हुए सभी जरूरतमंद जॉब कार्ड धारकों को अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के सभी अधूरे कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करवाते हुए लाभार्थियों को आवास उपलब्ध करवाने हेतु निर्देशित किया। साथ ही भारत ग्रामीण आजीविका फाउंडेशन (बी.आर.एल.एफ) एवं एक्सिस बैंक फाउंडेशन (ए.बीएफ.) के संयुक्त सहयोग से संचालित हाई इम्पेक्ट मेगा वाटर शेड कार्यक्रम की गतिविधित्यों एवं उब्लाब्धियों की समीक्षा भी किया।
आयुक्त कैसर हक ने बकावंड ब्लाक के ग्राम डीमरापाल एवं बड़े देवड़ा में हाई इम्पेक्ट मेगा वाटर शेड कार्यक्रम की गतिविधियों एवं उपलब्धियों का जमीनी स्तर पर अवलोकन किया। उन्होंने लाभार्थियों से योजना के सम्बन्ध में उनके अनुभवों पर विस्तृत चर्चा की। ग्राम डीमरापाल के लाभार्थी डोमूधर-कार्तिक ने हाई इम्पेक्ट मेगा वाटर शेड कार्यक्रम के अंतर्गत महात्मा गाँधी नरेगा की सहायता से निर्मित कुआं एवं डबरी से अपने खेत में मछली पालन, बतख पालन एवं सब्जी आदि के उत्पादन से इस वर्ष लगभग 50-60 हजार रूपये की अतिरिक्त आय होने का अनुभव साझा किया। डीमरापाल में स्वसहायता समूह की महिलाओं ने हाई इम्पेक्ट मेगा वाटर शेड कार्यक्रम के पहले एवं पश्चात की स्थिति में गाँव में कृषि से सम्बंधित आजीविका के विकास के विषय में जानकारी दी, श्रीमती गीता ने बताया कि योजना के क्रियान्वयन के पूर्व घर में किसी भी आवश्यकता के लिए उन्हें अपने पति या पिता से पैसे मांगने पड़ते थे, किन्तु अब आजीविका के विभिन्न कार्यों में जुडऩे की कारण उनके अपने पास पैसे होते हैं और आवश्यकता होने पर घर के पुरुष महिलाओं से पैसे मांगते हैं।
बड़े देवड़ा में हाई इम्पेक्ट मेगा वाटर शेड कार्यक्रम के स्थानीय सी एस ओ पार्टनर बस्तर सेवक मंडल के सहयोग दो वर्ष पूर्व उद्यान विभाग के द्वारा मनरेगा अभिषरण से गाँव के किसानों ने लगभग 9 हेक्टेयर बंजर भूमि पर अमरुद एवं काजू का बागीचा लगाया गया था जो अब बहुत अच्छे से विकसित हो गया है ग्रामीणों ने बताया कि उक्त स्थल से आगामी 2-3 वर्षों में औसतन 200 -250 टन तक अमरुद का वार्षिक उत्पादन होने की संभावना है।
मनरेगा आयुक्त के द्वारा लगभग सभी कार्यों की सराहना की गई एवं अन्य ब्लाक व जिलों में भी ऐसे ही कार्यों की पुनरावृति की संभावनाओं पर कार्य करने हेतु निर्देशित किया गया। इस प्रवास में सहायक परियोजना अधिकारी बलौद ओमप्रकाश साहू, सहायक परियोजना अधिकारी बेमेतेरा नवीन एवं सहायक परियोजना अधिकारी कोंडागांव त्रिलोकी भी शामिल हुए एवं उन्होंने यहाँ के अच्छे कार्यों अध्ययन करते हुए, अपने जिलों में पुनरावृत्ति करने के लिए चर्चा में भाग लिया। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रकाश सर्वे, बी.आर.एल.एफ के कार्यक्रम अधिकारी अरविन्द, प्रदान के इंटीग्रेटेर मनोज कुमार, हाई इम्पेक्ट मेगा वाटर शेड कार्यक्रम की राज्य इकाई के सदस्य सहायक परियोजना अधिकारी पवन कुमार भी शामिल हुए।