शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त पेयजल व्यवस्था की जाएं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

समाधान ऑनलाइन में लंबित समस्याओं का हुआ समाधान

20 शासकीय सेवकों के विरूद्ध निलंबन और नोटिस जारी करने की कार्रवाई

भोपाल । मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने समाधान ऑनलाइन में आए विभिन्न प्रकरणों में लापरवाही बरतने वाले 20 अधिकारी-कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही पेयजल प्रदाय में अव्यवस्था के दोषी ठेकेदार को अर्थदंड से दंडित किया गया। शुक्रवार को समाधान ऑनलाइन में सीएम हेल्पलाइन में दर्ज प्रकरणों में से ऐसे प्रकरणों का समाधान किया गया जिनका लंबे समय से समाधान लंबित था। मुख्य सचिव श्री अनुराग जैन, मुख्यमंत्री कार्यालय में अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा और अन्य वरिष्ठ अधिकारी समाधान ऑनलाइन में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा कलेक्टर्स और अन्य अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी दिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। समाधान ऑनलाइन में शुक्रवार को पेयजल व्यवस्था से संबंधित 3 प्रकरणों में दोषी व्यक्तियों को दंडित करने का निर्देश भी दिए गए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जिस भी जिले से नागरिकों के लिए पेयजल की व्यवस्था से जुड़ी शिकायतें प्राप्त होंगी वहां संबंधित अधिकारियों के विरूद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे। पेयजल समस्या से संबंधित एक प्रकरण में सीहोर जिले के श्री भंवर सिंह पटेल ने ग्राम पंचायत बरखेड़ी में पानी न पहुंच पाने की शिकायत की थी। इस प्रकरण में अपर मुख्य सचिव श्री संजय शुक्ला ने बताया कि ठेकेदार फर्म मेसर्स विश्वा पर 37 हजार 469 की शास्ति अधिरोपित की गई है। नल जल योजना के क्रियान्वयन में आ रही तकनीकी दिक्कतों को दूर कर घरेलू नल कनेक्शनों में जलापूर्ति प्रारंभ करवा दी गई है। इसी तरह मऊगंज के शिकायतकर्ता श्री सुनील कुमार साहू की शिकायत पर डेढ़ वर्ष से पाइप लाइन के टूट जाने से जल प्रदाय में आ रही दिक्कत को दूर कर दिया गया है। इस मामले में भी संबंधित ठेकेदार केएनके कंपनी को तत्काल कार्य करवाने के निर्देश दिए गए। इस प्रकरण में परियोजना इकाई में पदस्थ फील्ड इंजीनियर की सेवाएं समाप्त की गई है। शिकायत का निराकरण समय पर न करने के लिए उत्तरदायी मुख्य नगर पालिका अधिकारी मध्यप्रदेश अर्बन डेवलपमेंट कार्पोरेशन के उपयंत्री, परियोजना प्रबंधक और सहायक परियोजना प्रबंधक को नोटिस जारी किए गए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी जिलों में नल-जल योजना के क्रियान्वयन में विलंब करने वालों के विरूद्ध सख्त एक्शन लेने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने छिंदवाड़ा जिले की श्रीमती दुर्गाबाई विश्वकर्मा द्वारा कूप निर्माण के लिए समय पर कार्रवाई न करने के मामले में जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और सहायक यंत्री की दो-दो वेतनवृद्धि रोकने संबंधी कारण बताओ नोटिस जारी किए गया है। साथ ही गंभीर लापरवाही के दोषी ग्राम रोजगार सहायक को सेवा समाप्ति के लिए नोटिस जारी किया गया। इस प्रकरण में सचिव ग्राम पंचायत को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। शिकायतकर्ता को कूप निर्माण के लिए 72 हजार 372 रूपए का भुगतान करवा दिया गया है।

विवाह योजना, छात्रवृत्ति, प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना, प्राकृतिक आपदा पर मुआवजा राशि के प्रकरण भी हुए हल

समाधान ऑनलाइन में खंडवा जिले के श्री दिनेश कलमे ने नि:शक्तजन विवाह प्रोत्साहन योजना में राशि मिलने में हुई देर की शिकायत की थी। समाधान ऑनलाइन में यह मामले आने के बाद गत 21 मार्च को कलमे दंपति को एक लाख रूपए की प्रोत्साहन राशि का भुगतान हो गया है। इस प्रकरण में लापरवाही बरतने पर सामाजिक न्याय विभाग के उप संचालक, जिला कोषालय अधिकारी और नि:शक्त कल्याण शाखा के प्रभारी को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किए गए हैं। साथ ही सामाजिक सुरक्षा अधिकारी जनपद पंचायत खालवा को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सिंगरौली जिले की सुश्री मोनिका द्वारा छात्रवृत्ति की राशि का भुगतान समय पर न किए जाने की शिकायत पर अप्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने इस प्रकरण में पोर्टल संचालन करने वाले अधिकारियों को भविष्य में गंभीरतापूर्वक कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही यह चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की शिकायत नहीं आना चाहिए वरना सख्त कार्रवाई होगी। इस प्रकरण में शिकायतकर्ता को छात्रवृत्ति की राशि 22 हजार 748 रूपए का भुगतान पोर्टल के माध्यम से कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विदिशा के श्री रोहित रैकवार द्वारा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना में की गई शिकायत का पर समाधान किया गया। आवेदक को दस हजार रूपए की राशि प्रदान कर दी गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश में योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने का निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश इस योजना में देश में अग्रणी है। इस नाते योजना के क्रियान्वयन की श्रेष्ठ स्थिति को बनाए रखने के लिए प्रत्येक आवेदक का प्रकरण यथासमय स्वीकृत करने के निर्देश दिए गए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा जिले के श्री घनानंद द्विवेदी के आवेदन पर 20 हजार रूपए की राशि प्रदान करने के निर्देश दिए। इस प्रकरण में आकाशीय बिजली गिरने से आवेदक द्वारा पशुधन की हानि के फलस्वरूप मुआवजा राशि का आवेदन लगभग सात महीने पहले किया गया था। इस प्रकरण में विलंब के लिए नायब नाजिर को निलंबित कर दिया गया है, साथ ही लापरवाही के दोषी तहसीलदार को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।

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