भारतीय और स्कॉटिश संसद को एआई और डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग में अपने अनुभवों से सीखने की जरूरत है: लोकसभा अध्यक्ष

लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, हमारी नई शिक्षा नीति भारत आने वाले स्कॉटिश विश्वविद्यालयों के लिए नए रास्ते खोल सकती है
लोकसभा अध्यक्ष ने स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री और स्कॉटिश संसद के पीठासीन अधिकारी से मुलाकात की
स्कॉटलैंड/नई दिल्ली । 9 जनवरी लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय और स्कॉटिश संसद को एआई के उपयोग में अपने अनुभवों से सीखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि एआई और प्रौद्योगिकी के उपयोग से भारत की संसद अपनी कार्यक्षमता (उत्पादकता)बढ़ाने में सक्षम हुई है। श्री बिरला ने स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री जॉन जॉन स्विनी के साथ एक बैठक में ये बातें कहीं। यूनाइटेड किंगडम की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में श्री बिरला आज स्कॉटलैंड में थे। यहां दोनों नेताओं ने दोनों पक्षों के बीच साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और सहयोग के बारे में चर्चा की गई। दोनों नेताओं ने हरित ऊर्जा, आईटी, एआई और अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर विचार-विमर्श भी किया। इस मौके पर श्री बिरला ने दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के भारत के दृष्टिकोण को दोहराया। अध्यक्ष ने श्री स्विनी को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत के सुदृढ़ विकास के बारे में बताया, जिसमें ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की परिकल्पना के साथ वैश्विक शांति पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
श्री बिरला ने इस बात का उल्लेख किया कि भारत की नई शिक्षा नीति ने भारत आने वाले विदेशी विश्वविद्यालयों के लिए नए रास्ते खोले हैं और स्कॉटिश विश्वविद्यालय इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री ने भारत की यात्रा करने की इच्छा व्यक्त करते हुए कहा कि दोनों देशों के पास जीवंत संसदीय प्रणाली है।
दिन में श्री ओम बिरला ने क्वींसबेरी हाउस में स्कॉटिश संसद के पीठासीन अधिकारी एलिसन जॉनस्टोन से भी मुलाकात की। इस दौरान भारत की संसद और स्कॉटिश संसद के बीच संसदीय सहयोग बढ़ाने सहित आपसी हितों के कई मुद्दों पर चर्चा की गई। श्री बिरला ने कानून और सार्थक बहस के माध्यम से पिछले वर्षों में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारतीय संसद द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों को साझा किया। उन्होंने कहा कि भारत में संसदीय कार्यवाही में महिला सांसदों की बढ़ती भागीदारी इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारत और स्कॉटलैंड की संसद को महिला सशक्तिकरण से संबंधित अपने अनुभवों को एक दूसरे से साझा करना चाहिए।
अपनी लंदन यात्रा के दौरान बिरला ने ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से भी मुलाकात की। दोनों नेताओं ने हमारे ऐतिहासिक संबंधों, संसदीय लोकतंत्र के साझा मूल्यों, लोगों से लोगों के बीच संपर्क और आईटी, एआई, सोशल मीडिया, फर्जी खबरों के प्रभाव और ऐसी चुनौतियों से निपटने के लिए उपयुक्त कानूनों की आवश्यकता सहित कई मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

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