
किसान मालती मोहन ने बताया कि विभाग से संपर्क कर मक्का फसल लेकर खेतों में लगाया एवं उत्पादन पर कुल 11,800 रुपये का खर्च आया, जिसमें खाद, बीज एवं अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैें। मक्का की बिक्री से 1 लाख रुपये की आमदनी हुई, जिससे उन्हें 88,200 रू. की शुद्व मुनाफा मिला। इसके विपरीत गर्मी के मौसम में धान की खेती में ज्यादा लागत और पानी भी अधिक लगता है जिसकी तुलना में लाभ भी कम होता हेै।
कृषक मालती मोहन ने मुख्यमंत्री श्री साय और जिला प्रशासन की सराहना करते हुए धान के स्थान पर अन्य फसलों की खेती के लिए प्रेरित हुए हैं। जिसका फायदा उन्हे मिला। साथ ही इनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई और जल सरंक्षण से पर्यावरण सरंक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा।