
इस पर जिला कलेक्टर एवं दंडाधिकारी ने जानकारी दी कि 1 व 2 के सिक्के भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अनुमोदित हैं और पूरी तरह वैध मुद्रा हैं। ये सिक्के बैंकों के माध्यम से बाजार में लाए जाते हैं, और जब तक इन्हें भारत सरकार द्वारा औपचारिक रूप से बंद घोषित नहीं किया जाता, तब तक इनका लेन-देन बाध्यकारी है।
कलेक्टर ने बताया कि किसी भी व्यापारी द्वारा इन सिक्कों को लेने से इंकार किया जाना राजद्रोह के श्रेणी में आता है, इसके लिए भारतीय दंड संहिता 1860 की धारा 124-ए (संशोधित भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 152) के अंतर्गत गंभीर अपराध माना जाएगा। इसमें 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
प्रशासन ने सभी व्यापारियों से अपील की है कि वे 1 रुपए और 2 रुपए के सिक्कों को ग्राहकों से स्वीकार करें, अन्यथा शिकायत की स्थिति में उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।