
मस्त डायलाॅग है ‘रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं नाम है शाहंशाह’। अमिताभ बच्चन और अमरीश पुरी की हिट फिल्म का है। हर विलेन की शहंशाह पिटाई करता है और ये संदेश देता हैं।
बस यही डायलाॅग, यही संदेश मोदीजी ने 2014 के बाद पाकिस्तान को लगातार देना शुरू कर दिया है। लेकिन खड़ूस पाक कुत्ते की दुम है और उसके पिटने की भविष्यवाणियां हवा में तैर रही हैं।
इतिहास बताता है कि पाकिस्तान ने जब भी भारत के साथ डायरेक्ट उंगली की है तो मुंह की खाई है। यही कारण है कि पाक ने सीधे टकराव छोड़कर लिका-छुपी का खेल खेलना चालू किया और आतंकवाद के सहारे भारत को परेशान करना शुरू किया।
स्वाभाविक है क्योंकि कहा जाता है कि ‘बाप्स आर आलवेज़ राॅंग’ यानि जो बाप होता है वो हमेशा गलत होता है। तात्पर्य ये है कि बाप और बेटे के विचारों में इतना अंतर होता है कि बेटा हमेशा बाप को गलत ही समझता है। हालांकि अपने अनुभव के कारण बाप का निर्णय प्रायः सही होता है।
तो यहां भी कहानी बाप और बेटे की हो रही है। बाप है भारत और बेटा है पाकिस्तान। नालायक बेटा। जिसकी नजर में बाप यानि भारत गलत है। ये बेटा इतना नालायक और उद्दण्ड है कि बाप का सम्मान करना तो दूर की बात, बाप को पीड़ा पहुंचाने का प्रयास करता रहता है।
हम तुम्हारे बाप हैं नाम है भारत
लेकिन मोदीजी के आने बाद कहा जा सकता है कि रिश्ते में तो हम तुम्हारे बाप लगते हैं नाम है भारत। मोदीजी ने ये साबित कर दिया कि हम पाक के बाप हैं। इतना ही नहीं बिगड़े बच्चे को सुधारने के लिये बाप जो बत्ती बेटे को देता है, कुछ वैसा ही ट्रªीटमेंट भारत ने पाकिस्तान को दिया है।
साफ तौर पर औकात दिखा दी है।
पिक्चर अभी बाकी है दोस्त
अनुभव बताता है कि जब भी पाक से सीधे उलझने की स्थिति बनी है तब पाक ने बुरी हार का सामना किया है।
अफसोस इस बात है कि बाद मे पाक ने आतंकवाद का सहारा लिया तो कांग्रेस सरकार की मुस्लिम परस्ती के चलते लगातार जन-धन की हानि होने के बावजूद पाकिस्तान को केवल धमकियां देती रही, कभी कोई नुकसान पाक का नहीं किया।
लेकिन अब माहौल बदल गया है। अब तो भारत से उलझने का नाम लेने से पहले पाक को दस बार सोचना पड़ेगा। क्योंकि 2014 के बाद से भारत को काड़ी करने के लिये पाकिस्तान को भरपूर जूते पड़े हैं।
भविष्य वाणी-फिर पड़ेगी पाक को
एक भविष्यवाणी के अनुसार पाकिस्तान 13 जुलाई से 28 नवंबर के बीच फिर पिटेगा।
आॅपरेशन सिंदूर में जो तबाही पाकिस्तान ने देखी है वो किसी को थर्राने के लिये काफी है। लेकिन नासमझ, नीच और लालची की नीयत का कोई भरोसा नहीं है।
इसलिये पाक फिर उलझेगा और संभव है कि आपरेशन सिंदूर फिर एक्टिव किया जाए 6 से 11 जुलाई के बीच भी संभव है। आॅपरेशन सिंदूर अभी थमा नहीं है।
भविष्यवाणी के अनुसार 15 अक्टूबर से 28 नवंबर के बीच युद्ध की आशंका अधिक है।
संभव है कि अमेरिका से गलबहियां करने से एयरबेस अमेरिका को देने की मानसिकता बनाने पर व्यथित पाकिस्तानी जनता बागी हो जाए और जनता का ध्यान भटकाने के लिये पाक सेना हमें आंखें तरेरे। क्यांेकि अमेरिका से दुश्मनी का साहस पाक सेना में नहीं है।
जवाहर नागदेव, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक, चिन्तक, विश्लेषक
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‘बिना छेड़छाड़ के लेख का प्रकाशन किया जा सकता है’