Tuesday, April 30

लेख-आलेख

वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक… करवा चौथ पर नारी मन की बात
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर, लेख-आलेख

वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक… करवा चौथ पर नारी मन की बात

करवा चौथ को लेकर सोशल मीडिया पर कई जोक्स चलते रहते है क्यों नारी ही भूखी प्यासी रहे , पुरुष क्यो नही रखते पत्नी की लंबी उम्र के लिए व्रत , करवा चौथ की एक ही कथा क्यों अन्य क्यों नही जैसे कई सवाल उठाए जाते है किंतु सनातन हिन्दू धर्म और संस्कृति ने समय के साथ आये बदलाव को अंगीकृत किया है इसी का असर है कि हमारी भावनाएं इतनी जल्दी आहत नही हो पाती । उत्तरी भारत खास कर हरियाणा , राजस्थान व पंजाब का करवाचौथ बुद्धू बक्से की कृपा और स्टार प्लस जैसे चैनलों की नकल के चलते छत्तीसगढ़ में भी पहुंच गया अब छत्तीसगढ़ की नई पीढ़ी इसे अंगीकृत कर चुकी है । यही हिन्दू धर्म की अनेकता में एकता वाली विशेषता है कि हम अच्छी चीजों को अपने धर्म व संस्कृति में भी धीरे से समाहित कर लेते है । खैर बात करवा चौथ व्रत पर नारी मन की बात को लेकर चालू हुई थी । नारी मन की बात करते है । एक नारी मन आधुनिकता की दौड़ में जीन्स पेंट ...
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी… जोगी कांग्रेस अभी ज़िदा है बघेल को हराएंगे अमित जोगी
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर, लेख-आलेख

वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी… जोगी कांग्रेस अभी ज़िदा है बघेल को हराएंगे अमित जोगी

माननीय अजीत जोगी सियासी द्वंद के बेहतरीन खिलाड़ी, जब गये तो जोगी कांगेस में एक निराशा का माहौल छा गया और ऐसा लगा कि बस अब ये पार्टी केवल नाम भर के लिये रह जाएगी। कदाचित् इसी सोच के चलते इस पार्टी में कूदफांद मच गयी। कई वरिष्ठ लोग पार्टी से निकल लिये और नया ठिकाना बना लिया। लेकिन वर्तमान में जो दृश्य दिख रहा हैै, उसे देखकर बस यही कहा जा सकता है कि जोगी कांग्रेस अभी जिंदा है। छत्तीसगढ़ में दो दिन पहले जो सियासी सनसनी अजीत जोगी के पुत्र जोगी कांग्रेस के कर्णधार अमित जोगी ने फैलाई वो छत्तीसगढ़ को चैंकाने के लिये काफी है। पाटन का नतीजा, जीतेगा भतीजा पाटन याने वो विधानसभा जहां से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल चुनाव लड़ रहे हैं। भतीजा यानि भूपेश बघेल के भतीजे विजय बघेल जो वर्तमान में सांसद हैं। वे अपने ही चाचा के सामने ताल ठोक के खड़े हैं। यानि एक ही परिवार से दो लोग आमने-सामने। सबकुछ ठीक चल रहा था ...
नए दौर के साथ किताबों का सदियों पुराना दौर खत्म.. अब कहाँ कोई पढ़ना चाहता है – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर, लेख-आलेख

नए दौर के साथ किताबों का सदियों पुराना दौर खत्म.. अब कहाँ कोई पढ़ना चाहता है – अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

दूर होतीं किताबें या यूँ कह लें कि किताबों से परहेज उस युग का अंत करने जा रहा है, जहाँ हर मुश्किल सवाल का जवाब ढूँढने लोग किताबों के पास आया करते थे सभी जानते हैं कि आज की पीढ़ी के पास पहले की पीढ़ियों की तुलना में सबसे अधिक सुविधाएँ हैं। पहले के समय में डाकिया के हाथों भेजी हुईं चिट्ठियाँ और बदले में जवाब के इंतज़ार में कई-कई दिन और महीने लोग खुशी-खुशी काट दिया करते थे। सच कहें, तो इस इंतज़ार में भी सुकून था, जबकि उन्हें यह भी नहीं पता होता था कि उनकी चिट्ठी पहुँचेगी भी या नहीं। आज के दौर में उँगलियों से चंद मिनटों में खर्रे से भी बड़े-बड़े मैसेज, टाइप करके महज़ एक क्लिक पर पलक झपकते ही सामने वाले को मिल जाया करते हैं। यह आधुनिक दुनिया की सुविधा का एकमात्र उदाहरण है। ऐसे कई उदाहरण भरे पड़े हैं, जिनकी यदि मैं बात करने बैठूँ, तो अखबार के पन्ने खत्म हो जाएँगे, लेकिन उदाहरण नहीं। फिर भी एक उदाहरण...
चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक – कुर्सीनामा भाग – 20
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर, लेख-आलेख

चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक – कुर्सीनामा भाग – 20

राजनीती में कब किसकी शह किसकी मात किस गलत चाल से हो जाय कहना मुश्किल होता है , गलती को समझने और सुधाारने सालो साल लग जाते है । राजनीति के बदलते समीकरण ,फिजा में आये बदलाव , मतदाताओ की खामोशी से सिर्फ चुनावी मौसम का अंदाज़ा लगाया और आनंद उठाया जा सकता है पर निर्णय पर पहुँचना अभी कठिन है । छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल विधानसभा सीटों में कवर्धा और पंडरिया को भी गिना जाता है, निश्चित रूप से इसकी सिर्फ एक ही वजह है कि कवर्धा सीट से कांग्रेस के दबंग मंत्री मोहम्मद अकबर और भाजपा के तेज तर्रार आक्रमक छवि वाले युवा नेता विजय शर्मा आमने सामने है वही पंडरिया सीट से कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष व ठेकेदार नीलकंठ चंद्रवंशी ममता की विरासत पर कब्जा करने की नीयत से अपनी राजनीति की दुकानदारी चमकाने में लगे है दूसरी ओर नीलकंठ को चुनौती देते जनसेवा के बहाने राजनीति के बाजार में दांव लगाते पूर्व मुख्यमंत्री की कथि...
147वीं जयंती पर विशेष भारतीय संप्रभुता के पुजारी सरदार वल्लभ भाई पटेल -डॉ राघवेंद्र शर्मा
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, भोपाल, मध्यप्रदेश, लेख-आलेख

147वीं जयंती पर विशेष भारतीय संप्रभुता के पुजारी सरदार वल्लभ भाई पटेल -डॉ राघवेंद्र शर्मा

भारत में अनेक महापुरुष हुए, जिन्होंने अपने कर्म और कृतित्व के आधार पर नए-नए कीर्तिमान स्थापित किये। लेकिन सरदार वल्लभ भाई पटेल ऐसे व्यक्तित्व हैं जो सशरीर भले ही हमारे बीच ना हों, लेकिन प्रत्येक भारतीय के मन और मस्तिष्क में उनका स्थान अक्षुण्ण बना हुआ है तथा बना रहेगा। यह बात इसलिए कही जा सकती है, क्योंकि सरदार वल्लभ भाई पटेल एक ऐसे महान नेता हैं, जो देश को सर्वथा ऊपर रखकर चलते थे। उनका यह प्रण था कि यदि राष्ट्र हित में प्राण और सम्मान भी त्यागने पड़ जाए तो व्यक्ति को बगैर सोच विचार किया यह कर गुजरना चाहिए। कहते हैं राजनेताओं की कथनी और करनी में अंतर होता है। लेकिन कृतित्व और कथन में भारी संतुलन ही सरदार वल्लभ भाई पटेल को अन्य राजनीतिक जनों से अलग स्थापित करता है और उन्हें सर्वोच्च स्थान प्रदान करता है। उदाहरण के लिए हमें उस कालखंड को स्मरण करना चाहिए जब महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों द...
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी… सरकार कांग्रेस की बनेगी, वोट भाजपा को देंगे क्या ये सच के करीब है, लगती बड़ी अजीब है
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर, लेख-आलेख

वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी… सरकार कांग्रेस की बनेगी, वोट भाजपा को देंगे क्या ये सच के करीब है, लगती बड़ी अजीब है

सर्वे पर सर्वे हो रहे हैं। जाहिर तौर पर जो चैनल या सर्वे करने वाले किसी न किसी पार्टी के पक्ष में हैं वे खुलकर पार्टी की जीत का दावा करने से बचते दिख रहें हैं। सर्वे में उनकी पसंद की पार्टी को बहुमत दिखता हो तब भी संकोच करने लगे हैं। कारण कि उन्हें अपनी साख भी खराब नहीं करनी होती। कहीं झूठे न साबित हो जाएं। इस बार छत्तीसगढ़ में चुनाव का रोमांच कुछ अलग ही है। एक ओर जिनको टिकट नहीं मिली है उन बागियों ने हाहाकार मचा रखा है और उनकी पार्टियों की नाक में दम कर रखा है। दूसरी ओर मुकाबला इतना कड़ा है कि एक-एक सीट पर किसी भी तरह की हलचल से परिणाम बदल सकता है। रिपोर्टस के मुताबिक कांग्रेस थोड़ी सी सीट ज्यादा पाकर सरकार बनाने जा रही है। यानि बहुमत तो मिलेगा मगर बहुत थोड़ा। संशय में दिग्गज दोनों ओर के दिग्गज संशय में हैं। उपरी तौर पर चाहे ताल ठोक रहे हों मगर अंदर से सशंकित हैं। जाने क्या होेग...
वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी… कौन झूठा कौन है सच्चा मोदी, भूपेश कोई नहीं बचा
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर, लेख-आलेख

वरिष्ठ पत्रकार जवाहर नागदेव की खरी… खरी… कौन झूठा कौन है सच्चा मोदी, भूपेश कोई नहीं बचा

गंगाजल पर टैक्स और पंद्रा लाख दोनों दलों की दांव पर साख झूठे आरोप लगाने पर अपने यहां कोई सजा नहीं है। अघोषित नियम है कि आप विरोधी  पर कोई आरोप लगा दो तो आपको उसे साबित करने की जरूरत नहीं है। आप आरोप लगाकर भाग लो। बदनाम कर दो और निकल लो। सामने वाला सर पीटता रहे, हाय-तौबा मचाता रहे। हमारे यहां यही होता आ रहा है। आरोप झूठा है तो भी और सच्चा है तो भी सामनेवाले की फजीहत तो हो ही जाती है। उसका जो नुकसान होना है हो ही जाता है। प्रधानमंत्री मोदी जब रायपुर आए थे तो जनसभा में मंच से उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ का सारा धान केन्द्र सरकार खरीदती है। जबकि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार का कहना है कि सारा धान सरकार खुद अपने दम पर खरीद रही है इसके लिये सरकार ने मार्कफेड से लोन ले रखा है। अब भला ये कैसी धंुध है जो छंटती ही नहीं। सारे कागजात् आॅन रिकाॅर्ड हैं, फिर भी मामला साफ कैसे नहीं हो पा र...
वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक.. कुर्सीनामा भाग-19
कवर्धा, खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, दुर्ग, लेख-आलेख

वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक.. कुर्सीनामा भाग-19

देश का दुर्भाग्य है कि मीडिया के साथ साथ सत्ता और विपक्ष निरीह जनता को अंधी गूंगी समझते है । मगर जनता अंधी नहीं, आंधी है , कहने को तो गांधी सरीखी है, जो देखती है पर बोलती नहीं, सुनती है पर कहती नहीं, पर जब करती है, तो अच्छे अच्छो को निपटा देती है और आज छत्तीगढ़ के राजनैतिक हालात इस बात को सच साबित कर रहे है । विकास की बाते करते करते राजनैतिक दल मुफ्तखोर बनाती योजनाओं और कर्जमाफी जैसी घोषणाओं के शरण में है । पैदा होने से पहले और मरने के बाद तक की तमाम मुफ्तखोरी की योजनाओं के बावजूद विगत चुनाव में भाजपा की करारी हार ने कांग्रेस को भी सोचने पर विवश कर दिया था । वर्तमान में कांग्रेस सरकार के तमाम विकास के दावों , भरोसे के सम्मेलन के बावजूद कांग्रेस को कर्जमाफी जैसी सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ाती योजनाओं के शरण में जाना पड़ रहा है । हमारे देश का दुर्भाग्य है कि खद्दरधारियों को जनता केवल वोट देने वाल...
वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक.. चुनावी चकल्लस
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, रायपुर, लेख-आलेख

वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक.. चुनावी चकल्लस

चुनावी मौसम में पेश है पाठकों के लिए हास्य व्यंग्य की चुटीली तुकबंदी - अकबर पांसे चले, भावना चलावै दांव । विजय हूँकारी भर रहै, होवत कांव-कांव ॥ नीलू ठहरे मायावी, खूब अलापै राग । छींके पर अटकी नज़रें, कब जागेगें भाग्य ॥ खड़गराज धूल फांक रहै, हो रहे रवि त्रस्त । राजनीति से भगवान बचाये, रहैं जनता मस्त ॥ शीतल , हिफजूल तरसे साथ को, कितै ना दीखे ठौर । सत्ता सुख की चाह में, भटकै चारो ओर ॥ सांप सूंघ गया सियाराम को, हुआ विशेषर फैल । थी अर्जुन की तैयारियाँ खूब , न चला ममता का खेल ॥ योगिराज रथ लै भटिकै, सुनील छेड़े अपनी तान । मोती रूठे रह गये , कका चलावै बाण ॥ ढोल बजै ताली बजी, गलियन होय पुकार । नेता गलियन गलियन घूम रहैं, होवे जय-जयकार ॥...
…ओन्ली हे राम! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
खास खबर, छत्तीसगढ़ प्रदेश, देश-विदेश, लेख-आलेख

…ओन्ली हे राम! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)

रावण दहन के उद्घाटन के लिए न्योते गए वीवीआईपी जी पूरे, बल्कि उससे भी थोड़े से ज्यादा एक्स्ट्रा जोश में थे। और जल्दी में तो खैर थे ही। पब्लिक से वोट मांगने की तारीख सिर पर थी। नो भाषण, ओन्ली उद्घाटन की शर्त मनवा कर आए थे। पर जोश तो जोश ठहरा। रावण दहन के लिए अग्निबाण चलाने का अभिनय करने से पहले, लगे जय श्रीराम के नारे लगाने। वीवीआईपी नारा लगाए, तो मंच पर भला कोई कैसे पीछे छूट जाए। पर रावण! वह पट्ठा नारा लगा के ही नहीं दे। एक बार हुआ, दो बार हुआ, जब तीसरी बार भी रावण ने जवाबी नारा नहीं लगाया, रामलीला प्रबंधकों के दिल की धडक़न बढ़ गयी और वीवीआईपी जी की त्यौरी चढ़ गयीं। प्रबंधक जी ने टहोका मारकर रावण से बुलवाने की कोशिश की। पर वह तो जैसे सुट्टा मार गया। न ऊं न आं, कुछ भी नहीं करे। वीवीआईपी जी ने इसे अपनी पर्सनल इन्सल्ट माना। उन्होंने नारा उठाया, उसका भी जवाब नहीं दिया! पर उन्होंने मुकद्दमा भग...