प्रदेश का एकमात्र वनधन विकास केन्द्र दुगली, जिसमें एलोवेरा का प्रीमियम प्रोडक्ट किया जाता है तैयार

कलेक्टर ने समूह की महिलाओं से चर्चा की, तैयार उत्पादों को बड़े बाजारों में बेचने की व्यवस्था करने के अधिकारियों को दिये निर्देश

धमतरी 12 मार्च 2025/ कलेक्टर श्री अबिनाश मिश्रा ने आज अपने नगरी प्रवास के दौरान दुगली स्थित लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं प्रशिक्षण केन्द्र का अवलोकन किया। उन्होंने केन्द्र में सचांलित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी से ली। अधिकारियों ने बताया कि प्रसंस्करण केन्द्र में सीजी हर्बल के लिए उत्पाद तैयार करने और उन्हें पैक करने का काम किया जाता है। इसके साथ ही तिखुर और शहद आदि भी एकत्रित किया जाता है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि भारत सरकार, आदिवासी विकास विभाग द्वारा वर्ष 2021 में वनधन विकास केन्द्र दुगली को प्रदेश में अधिक वनोपज संग्रहण के लिए अवार्ड भी दिया गया है। केन्द्र में दो महिला समूह जागृति स्व सहायता समूह और बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह कार्यरत है।
कलेक्टर श्री मिश्रा ने केन्द्र में दोना-पत्तल निर्माण इकाई का भी अवलोकन किया। साथ ही समूह की महिलाओं से चर्चा करते हुए केन्द्र में कार्यरत महिलाओं की संख्या, उनके द्वारा तैयार दोना-पत्तल विक्रय और इससे मिलने वाली आय के बारे में जानकारी ली। महिलाओं ने बताया कि वे स्व सहायता समूह की महिलाएं हैं और आसपास के गांवों से काम करने आती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हर माह उन्हें लगभग 6 से 7 हजार रूपये की आय हो जाती है। कलेक्टर श्री मिश्रा ने इन महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को बड़े़ बाजारां में बेचने के लिए पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
बता दें कि वनधन विकास केन्द्र दुगली में कुल 22 प्रकार की सामग्रियां तैयार की जातीं हैं। इनमें एलोवेरा जूस, साबून, बॉडीवॉश, शैम्पू, जैल, मॉस्चराईजर, हेयर कंडीशनर के साथ ही आंवला कैंण्डी, आंवला जूस, आंवला चूर्ण, बेहड़ा पावडर, त्रिफला चूर्ण, शतावर चूर्ण, अश्वगंधा चूर्ण, अर्जुन चूर्ण, जामुन गुठली चूर्ण, कालमेघ चूर्ण, तिखुर पावडर, बैचांदी चिप्स, माहुल पत्ता, शीशल रस्सी और शहद निर्मित किया जाता है। इनमें से 15 प्रकार की औषधि एवं खाद्य सामग्री का निर्माण शामिल है, जिसका आयुष एवं खाद्य विभाग से लायसेंस भी मिला है। यहां वर्ष 2023 से एलोवेरा का उत्पाद साबून, शैम्पू, मॉस्चराईजर, बॉडीवॉश आदि तैयार किया जा रहा है, जिसका ड्रग एवं कॉस्मेटिक विभाग से लायसेंस मिला है। प्रदेश में एकमात्र वनधन विकास केन्द्र दुगली है, जिसमें एलोवेरा का प्रीमियम प्रोडक्ट तैयार किया जाता है। इसके अतिरिक्त यहां का तिखूर अच्छी गुणवत्ता का तैयार किया जाता है।

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