Tuesday, April 30

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*राम जी अकेले ही भले*  *(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)*
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*राम जी अकेले ही भले* *(व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)*

  विरोधियों ने क्या हद्द ही नहीं कर दी। कह रहे हैं, बल्कि भगवा-भाइयों से पूछ रहे हैं और अकेले-दुकेले में नहीं, सारी पब्लिक को सुनाकर पूछ रहे हैं कि सीता जी को क्यों भुला दिया? जय सिया राम में से सिया को बाहर का रास्ता क्यों दिखा दिया? सिया को हटाकर, सिर्फ राम को ही जैकारे के लायक कैसे बना दिया! पहले तो हमेशा जुगल जोड़ी का ही जैकारा होता था, जोड़ी तोडक़र राम जी को अकेला क्यों करा दिया? और यह भी कि अगर सीता को बाहर ही करना था, अकेले-अकेले राम जी को ही याद रखना था, तो भी श्रीराम ही क्यों? मुसीबत में राम को ही पुकारना है, तो गांधी की तरह, हे राम कहकर क्यों नहीं पुकारते! जब यूपी वाले पाठक जी और मौर्या जी ने एक ही बात कही है, तो उनका जवाब तो एकदम मुंहतोड़ ही होगा। फिर जवाब देने वाले सिर्फ पाठक जी और मौर्या जी ही थोड़े ही हैं, राम जी की अपनी यूपी के डिप्टी सीएम लोग हैं। और दो डिप्टी मिल...
गंगा किनारे हिलोरें लेता तमिल प्रेम का पाखंड (आलेख : बादल सरोज)
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गंगा किनारे हिलोरें लेता तमिल प्रेम का पाखंड (आलेख : बादल सरोज)

पिछले सप्ताह बनारस में गंगा किनारे, तमिलनाडु से चुन–चुनकर बुलाये गए 2500 अपनों के बीच बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि "काशी भारत की सांस्कृतिक राजधानी है, जबकि तमिलनाडु और तमिल संस्कृति भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र है।" उन्होंने बताया कि "संस्कृत और तमिल दोनों सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक हैं, जो अस्तित्व में हैं। तमिल की विरासत को संरक्षित करने और इसे  समृद्ध करना 130 करोड़ भारतीयों की जिम्मेदारी है। अगर हम तमिल की उपेक्षा करते हैं तो हम राष्ट्र का बहुत बड़ा नुकसान करते हैं और अगर हम तमिल को प्रतिबंधों में सीमित रखते हैं, तो हम इसे बहुत नुकसान पहुंचाएंगे। हमें भाषाई मतभेदों को दूर करने और भावनात्मक एकता स्थापित करने के लिए याद रखना होगा।" वे वाराणसी में एक महीने तक चलने वाले 'काशी तमिल संगमम'' का उद्घाटन करते हुए यह सब अच्छी बातें बोल रहे थे। इतना ही नहीं, इसी ...
राजधानी दिल्ली को लीलता पर्यावरण प्रदूषण) बुजुर्गों और बच्चों के लिए सर्वाधिक खतरनाक प्रदूषणl
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राजधानी दिल्ली को लीलता पर्यावरण प्रदूषण) बुजुर्गों और बच्चों के लिए सर्वाधिक खतरनाक प्रदूषणl

अब सिर्फ इसी की कसर रह गई थी कि भारत का दिल, दिल्ली विश्व में सर्वाधिक प्रदूषित शहर माना जा रहा है l इसके बाद बांग्लादेश का ढाका शहर आता है l दिल्ली का वायु प्रदूषण करोना से भी ज्यादा स्थाई खतरा माना जा रहा है। बच्चे और बुजुर्गों के लिए खासकर उनकी स्वास नलियों तथा फेफड़ों में प्रदूषण के छोटे-छोटे कणों से उनके वायु तंत्र को अवरुद्ध कर कर उन्हें बीमार बना देते हैं। यह एक गंभीर समस्या हैl पर्यावरण प्रदूषण खासकर वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, मुंबई, कोलकाता और अन्य राज्यों की राजधानी में खासकर शीतकाल में अत्यंत चिंताजनक स्थिति पैदा हो जाती है। गर्मियों में प्रदूषण तथा गर्मी लोगों को बुरी तरह संक्रमित करती है। दिल्ली तथा उत्तर प्रदेश के 8 बड़े शहर का पर्यावरण प्रदूषण खासकर वायु प्रदूषण खतरे के निशान से काफी ऊपर जा चुका है, अस्थमा तथा फेफड़े की बीमारियों के मरीज की संख्या म...
आरती श्री संविधान जी की … (आलेख : राजेंद्र शर्मा)
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आरती श्री संविधान जी की … (आलेख : राजेंद्र शर्मा)

राष्ट्रपति जी ने यह ठीक नहीं किया। संविधान दिवस का मौका था तो क्या हुआ, उन्हें मोदी की बात नहीं काटनी चाहिए थी। संविधान में उनकी कुर्सी सबसे ऊंची होने से क्या हुआ, उन्हें पीएम जी के कहे से बाहर नहीं जाना चाहिए था। बताइए, मोदी जी ने संविधान दिवस पर पब्लिक को उसके असली कर्तव्यों की याद दिलायी। पब्लिक को उसके कर्तव्यों की याद ही नहीं दिलायी, उसे इसका ज्ञान भी दिया कि अब जब अमृतकाल चल निकला है, पब्लिक का एक ही सबसे बड़ा काम है –कर्तव्यों का पालन करना। और कर्तव्यों में सबसे बड़ा कर्तव्य है, जय-जयकार करना और ऐसे जय-जयकार करना कि दुनिया सुने और कहे कि देश हो, तो ऐसा। सारी दुनिया के राज करने वाले सुनकर रश्क करें -- राज हो, तो मोदी जी जैसा। अब कामन सेंस की बात है कि मोदी जी के कर्तव्य का महत्व बताने से भी कोई सब तो अपने आप कर्तव्य का पालन नहीं करने लग जाएंगे। उल्टे पहले की तरह बहुत से तो अमृत काल म...
करेंगे तो कहोगे कि करता है! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
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करेंगे तो कहोगे कि करता है! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)

अब क्या सुप्रीम कोर्ट को भी क्या मोदी विरोधियों वाली बीमारी लग गयी है। बताइए, मोदी जी जो भी करें, उसी से दिक्कत है। चुनाव आयोग में सीट छ: महीने से ज्यादा खाली रखी, तो प्राब्लम कि सीट इतने दिन खाली क्यों रखी। अब जब ताबड़तोड़ अरुण गोयल साहब को चुनाव आयोग में बैठाया है, तो कहते हैं कि ऐसी बिजली की–सी तेजी कैसे? इसमें कोई गड़बड़ी तो नहीं है! सरकार से अपाइंटमेंट की फाइल तलब कर के माने। पीएम जी करेंगे, तो भी कहेंगे कि करता है! खैर! जब देसी विपक्ष वाले ही नहीं, दुनिया भर के विरोध करने वाले भी, मोदी जी को करने से नहीं रोक पाए, तो सुप्रीम कोर्ट क्या ही रोक लेगा। मोदी जी न रुकेंगे, न झुकेंगे और करने के पथ से पीछे कभी नहीं हटेंगे। और भाई जब करने वाला करता है, तो जाहिर है कि अपने मन की ही करेगा। आखिर, 130 करोड़ लोगों ने और किस लिए चुना है; दूसरों के मन की करने के लिए! दूसरों की मुंहदेखी करने की उम्...
वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक,गुजरात की राजनीति में चाणक्यो और उनके प्यादों की बन्दर गुलाटी , पप्पू की पदयात्रा , गप्पू की गप्प ,
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वरिष्ठ पत्रकार चंद्र शेखर शर्मा की बात बेबाक,गुजरात की राजनीति में चाणक्यो और उनके प्यादों की बन्दर गुलाटी , पप्पू की पदयात्रा , गप्पू की गप्प ,

चंद्र शेखर शर्मा 【पत्रकार 】9425522015 गुजरात की राजनीति में चाणक्यो और उनके प्यादों की बन्दर गुलाटी , पप्पू की पदयात्रा , गप्पू की गप्प , केजरी की चाल के ख्वाबो में खोया ही था कि - “ सुनते हो जी आप पहले जैसे नहीं रह गए ...!” श्रीमती जी की मधुरवाणी सुन तंद्रा टूटी । श्रीमती जी ने एक वाक्य में अविश्वाश प्रस्ताव ला दिया । घर की सरकार संकट में देख हम घबराए हड़बड़ाए फिर सम्हलते हुए कहा “पगली हमारी सरकार के गठबंधन के 25 साल बाद ऐसा क्यूं कर महसूस हुआ ..? " हमारी गठबंधन की सरकार के मिनिमम प्रोग्राम में आखिर कमी क्या रह गई । शिवसेना की तरह थोड़ी तल्खी क्या दिखाई दाम्पत्य जीवन की शांति सीमा खतरे में पड़ गई , बात चचा भतीजे सरीखी बिगड़ती इसके पहले ही हमने बात सम्हालते हुये थोड़ी चापलूसी भरे अंदाज़ में कहा “ देख प्रिये मैं गाय जैसा सीधा सादा घर से ऑफ़िस , ऑफिस से घर तक का वास्ता रखने वाला बैल सरीखा दौड़ ल...
श्रद्धा के गिद्ध-भोज के लिए जुटान (आलेख : बादल सरोज)
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श्रद्धा के गिद्ध-भोज के लिए जुटान (आलेख : बादल सरोज)

दिल्ली के महरौली में 27 वर्ष की युवती श्रद्धा वाल्कर के साथ हुयी वीभत्सता ने पूरे देश के इंसानों को सन्न और स्तब्ध करके रख दिया है। उसकी पहले निर्ममता के साथ हत्या की गयी, उसके बाद उसके शरीर टुकड़े–टुकड़े करके अलग–अलग दिन इधर–उधर फेंक दिए गए। हत्यारा - जो श्रद्धा का लिव इन पार्टनर - था, गिरफ्तार कर किया जा चुका है। श्रद्धा नहीं हैं "यत्र नारी पूज्यन्ते तत्र रमन्ते देवता" का जाप करने वाले देश में अकेलीl केवल नवम्बर महीने में, अभी तक, इस तरह की 5 वारदातें घट चुकी हैं। इसी दिल्ली के बदरपुर में एक 22 साल की लड़की आयुषी की पहले निर्ममता से पिटाई की गयी और उसके बाद सीधे सीने में गोली मारकर हत्या करके लाश को ठिकाने लगाने के लिए लाल रंग के सूटकेस में बंद कर उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में यमुना एक्सप्रेस वे पर छोड़ दिया गया। आयुषी का अपराध अपनी पसंद का जीवन साथी चुनना था और उसके साथ यह वारदात अंजाम...
अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)
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अब तेरा क्या होगा रे बुलडोजर! (व्यंग्य : राजेंद्र शर्मा)

मोदी जी को इस देश को विश्व गुरु बनाने के लिए और क्या-क्या त्यागना पड़ेगा! पहले, भाई लोगों ने बेचारे से अच्छे दिनों का त्याग कराया। मजाल है, जो पिछले पांच-छ: साल में बेचारों ने एक बार भी अच्छे दिनों का जिक्र तक किया हो। वादा वगैरह करने की तो खैर बात ही भूल जाओ। उसके बाद भाई ने नये इंडिया को पकड़ा, तो वह भी बेचारे को राष्ट्र हित में जल्द ही छोडऩा पड़ गया। दूसरी पारी शुरू होने से पहले ही। दूसरी पारी शुरू होने के बाद तो अगले ने भूले से भी कभी नये इंडिया का जिक्र नहीं किया। अब स्वतंत्रता की 75वीं सालगिरह के बाद से अमृत काल पकड़ा जरूर है, पर लगता है कि साल पूरा होते-होते बेचारे को इस का भी त्याग करना पड़ेगा। अब बताइए, बेचारों के आठ साल के राज की एक विश्व स्तर की नयी और एकदम ऑरीजिनल खोज है -- बुलडोजर राज। अब वह भी खतरे मेें है और वह भी अदालत के हाथों। असम की हाई कोर्ट कहती है कि -- सरकार बुलडो...
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श्रद्धा वाकर के बारे में असम के मुख्यमंत्री की अशोभनीय टिप्पणी (नजरिया : बृंदा करात,)

  श्रद्धा वाकर के बारे में असम के मुख्यमंत्री की अशोभनीय टिप्पणी (नजरिया : बृंदा करात, अंग्रेजी से अनुवाद : संजय पराते) असम के मुख्यमंत्री अपनी शालीन भाषा के लिए नहीं जाने जाते हैं, लेकिन इस बार उन्होंने खुद को मात दे दी है। गुजरात के सूरत में भाजपा के लिए प्रचार करते हुए उन्होंने कहा, "मोदी को वोट दो - देश में एक मजबूत नेता के बिना, आफताब जैसे हत्यारे हर शहर में उभरेंगे और हम अपने समाज की रक्षा नहीं कर पाएंगे।" श्रीमान सरमा एक ऐसे राज्य असम के मुख्यमंत्री हैं, जहां महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा सबसे ज्यादा होती है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार, महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामले में यह राज्य देश के पांच सबसे खराब राज्यों में से एक है। यह उन राज्यों में से है, जहां इस तरह की हिंसा की रिपोर्टिंग बहुत कम होती है। यह उन राज्यों में से है, जहां घरेलू हिंसा का औच...
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हिन्दी : “ई” की जगह “ऊ” की मात्रा (आलेख : बादल सरोज)

अमित शाह की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति की रिपोर्ट ने भाषा के संबंध में अब तक की मान्य, स्वीकृत और संविधानसम्मत नीति को उलट कर पूरे देश पर जबरिया हिंदी थोपने का रास्ता खोलने की आशंका साफ़–साफ़ सामने ला दी है। इस समिति की दो सिफारिशें इस इरादे को स्पष्ट करती हैं। इस रिपोर्ट की एक सिफारिश कहती है कि "देश में तमाम तकनीकी तथा गैर–तकनीकी संस्थानों में पढ़ाई तथा अन्य गतिविधियों का माध्यम हिंदी होनी चाहिए और अंगरेजी को वैकल्पिक बनाया जाना चाहिए।" इसी रिपोर्ट की एक अन्य सिफारिश सरकारी विज्ञापनों के बजट का 50 प्रतिशत हिंदी भाषी विज्ञापनों के लिए आरक्षित करने की है। इस सिफारिश के "इंडिया दैट इज भारत" पर क्या प्रभाव होंगे, इन पर नजर डालने से पहले इसके असली मंतव्य को देखना सही होगा। क्या यह गुजराती भाषी अमित शाह की अध्यक्षता वाली समिति की इस घोषणा के पीछे उछाल लेता हिन्दी प्रेम है? नहीं। यह मसला जितना...